बहन को चीटिंग कराने के लिए बना 'पुलिसवाला', एग्जाम सेंटर पर एक चूक ने लॉकअप पहुंचा दिया
एग्जाम सेंटर पर सीनियर ऑफिसर को देखकर खंडारे ने उन्हें सैल्यूट ठोका. बस यहीं हो गई चूक.
परीक्षाओं में नकल करने-करवाने के आपने एक से बढ़कर एक किस्से सुने होंगे. लेकिन महाराष्ट्र का ये किस्सा अलग है. नकल करवाने के लिए ‘पुलिसवाला’ बन गया. घटना अकोला की है. बहन को चीटिंग करवाने के लिए भाई ने ही अजीब हथकंडा अपनाया. पुलिस यूनिफार्म पहनकर एग्जाम सेंटर पहुंच गया. लेकिन अपनी हरकतों के कारण उसके फर्जीवाड़े का भांडाफोड़ हो गया.
कहानी किसी थ्रिलर से कम नहीं!इंडिया टुडे से जुडे़ प्रतीक चक्रवर्ती की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला पातुर शहर के शाहबाबू उर्दू हाई स्कूल का है. जहां 24 साल के अनुपम मदन खंडारे एग्जाम सेंटर पर नकली पुलिसकर्मी बनकर पहुंचा था. आरोपी की बहन 12वीं क्लास की छात्रा है. वो अपनी बहन को परीक्षा में नकल करवाना चाहता था. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए पुलिस इंस्पेक्टर किशोर शेलके और उनकी टीम परीक्षा केंद्र पर पहुंच गई.
सीनियर ऑफिसर को देखकर खंडारे ने उन्हें सैल्यूट ठोका. बस यहीं हो गई चूक. पहली गलती कि खंडारे का सैल्यूट करने का तरीका प्रोटोकॉल से बिल्कुल अलग था. दूसरी गलती कि वर्दी पर नेमप्लेट गलत था. शक के बाद जांच हुई तो अनुपम की जेब से अंग्रेजी परीक्षा पत्र की एक प्रति मिली.
मामले पर खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी अनुपम मदन खंडारे के खिलाफ केस दर्ज किया गया. फिर उसे हिरासत में भी लिया गया.
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ऑनलाइन चीटिंग स्कैम का भांडाफोड़हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत में शातिर स्टाइल में चीटिंग कराने वाला एक गैंग पकड़ा गया था. स्कैम ऑनलाइन एग्जाम से जुड़ा था. जहां गैंग ने बकायदा 250 कंप्यूटर लगाकर पूरी लैब का सेटअप किया था. आरोपी सॉफ्टवेयर से एग्जाम वाले कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस लेकर एग्जाम सॉल्व करवाते थे.
इस मामले में हरियाणा के पलवल में रहने वाले हैकर राम चौहान ने सॉफ्टवेयर से स्क्रीन शेयरिंग के जरिए रिमोट एक्सेस लिया था. जिन-जिन कैंडिडेट ने पैसे दिए थे उनके कंप्यूटर पर जवाब हल कर दिए जाते थे. इस काम के लिए कैंडिडेट से चार से पांच लाख रुपये वसूले गए. इसमें से हैकर को स्क्रीन शेयरिंग वाले काम के लिए 50 हजार मिलते थे. UP स्पेशल टास्क फोर्स ने इस मामले में गैंग से जुड़े 12 लोगों को अरेस्ट किया था.
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