9 अगस्त 2016 (Updated: 9 अगस्त 2016, 09:34 AM IST) कॉमेंट्स
Small
Medium
Large
Small
Medium
Large
बुलंदशहर गैंगरेप केस में यूपी पुलिस अब काम करती नजर आ रही है. गैंगरेप करने वाला मुख्य आरोपी सलीम बावरिया पकड़ा गया है. साथ में दो दुष्ट साजिद और जुबैर भी पकड़ा गए हैं. इन तीनों को मिलाकर टोटल 6 आरोपी हवालात के अंदर पहुंच गए हैं. एक आरोपी फाती अब भी फरार है. आरोपियों को तब पकड़ा गया, जब ये बिजनौर भागने वाले थे.
सलीम बावरिया गैंग का मुखिया है. इसी के कहने पर गैंगरेप का घटिया ख्याल आरोपियों के दिमाग में आया था. मेरठ के आस-पास के इलाकों में एक्टिव था ये गैंग. अच्छा आप सोच रहे हैं कि पुलिस ने इत्ती तेजी अचानक कैसे दिखा दी, तो ये रहा जवाब. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को यूपी सरकार और पुलिस से पूछा था कि केस की क्या प्रोग्रेस है. सरकार से पूछा इस केस की सीबीआई जांच क्यों नहीं करवा रहे हो. तब जाकर कहीं पुलिस आरोपियों को पकड़ पाई है.
गैंगरेप के बाद से कहां थे ये दुष्ट?
खबर है कि इन लोगों ने इस हरकत की प्लानिंग किठौर में की थी. घटना के बाद किठौर लौटे थे. फिर वहीं से झारखंड भाग गए. 7 अगस्त को मेरठ के मवाना लौटे. यहीं से बिजनौर भागने की प्लानिंग थी. तभी क्राइम ब्रांच ने धर लिया. पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने लूटपाट के लिए 27 जुलाई को रेकी की थी. 28 जुलाई को ये लोग बुलंदशहर के भुड़ चौराहा आए. रात साढ़े 11 बजे तक ठेके पर शराब पी. फिर जाकर गैंगरेप की घटिया हरकत की.
सलीम के पास से दो कट्टे, कुछ नकदी, बुलंदशहर में महिलाओं के पास से लूटी पायल, बिछुआ, बाली भी मिली हैं.
अच्छा, इस की मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी. तब मेरठ के आईजी सुजीत पांडे से एक चूक हो गई. जब मीडिया वालों ने उनसे पूछा कि शिकायत किसने की थी? तब उनने घटना के वक्त वहीं मौजूद पीड़िता के पति का नाम ले दिया. मीडिया वालों ने कहा, ये गलत है. सफाई देने आईजी पांडे आए. आईजी मेरठ सुजीत पांडे ने कहा,
'मैंने पीड़िता का नाम नहीं लिया. जो लेडी या जो बच्ची है. मैंने उसका नाम नहीं लिया. मुझसे पूछा गया कि शिकायत किसने की थी. तो मैंने एफआईआर जिस नाम से करवाई गई थी, उसका नाम ले लिया. ये सब जानबूझकर नहीं किया है. आपने पूछा, मैंने बता दिया.'