महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच शिंदे और ठाकरे उठा सकते हैं ये बड़े कदम
एकनाथ शिंदे ने अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाए जाने और 16 बागी विधायकों को नोटिस दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है.

महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी संकट (Maharashtra Political Crisis) की स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार (MVA Government) बनी रहेगी या फिर गिर जाएगी, इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्ट संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के तमाम नेता मुंबई से लेकर गुवाहाटी और दिल्ली तक की यात्रा कर रहे हैं, अलग-अलग स्तरों पर चर्चा की जा रही है और नेता अपने सुविधानुसार खेमा बदल रहे हैं.
बहरहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और भरत गोगावले की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होनी है. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल द्वारा अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त करने के फैसले को चुनौती दी है. इसके साथ ही उन्होंने जिरवाल द्वारा 16 बागी नेताओं को नोटिस जारी करने के फैसले को चैलेंज किया है और इसे खारिज करने की मांग की है. बागी नेताओं को जारी नोटिस में पूछा गया है कि उनकी सदस्यता क्यों रद्द नहीं की जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईआजतक के किरन तारे की रिपोर्ट के मुताबिक हरीश साल्वे शिंदे और गोगावले की पैरवी करेंगे. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना और नरहरि जीरवाल की ओर से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पेश होंगे.
याचिका में कहा गया है,
“सबको ये मालूम है कि महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के पास बहुमत नहीं है, क्योंकि शिवेसना के 38 विधायकों ने उनसे नाता तोड़ लिया है. हालांकि इसके बावजूद एमवीए सरकार सदन के उपाध्यक्ष के कार्यालय का दुरुपयोग कर रही है, ताकि वे किसी भी तरह से सत्ता मे बने रहें.”
इसके अलावा महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस फिर से दिल्ली का दौरा कर सकते हैं. वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मौजूदा स्थिति पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ग्रुप की भी कई बैठकें होनी हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
शिंदे गुट ने दावा किया है कि शिवसेना के 55 विधायकों में से 39 विधायक उनके साथ हैं, जिसमें उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत भी शामिल हैं, जो बीते रविवार (26 जून) को बागियों के गुट में शामिल हो गए. बागी गुट के पास पार्टी के दो तिहाई से अधिक विधायक हैं. इसके साथ ही कई निर्दलीय विधायक भी एकनाथ शिंदे के साथ हो गए हैं.