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महाराष्ट्र की उद्धव सरकार खतरे में? 25 विधायकों को लेकर शिवसेना के मंत्री गुजरात पहुंचे

उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में रुके हैं

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बाएं से दाहिने. एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे. (PTI/Aaj Tak)
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सौरभ
21 जून 2022 (Updated: 21 जून 2022, 01:44 PM IST) कॉमेंट्स
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महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में बड़ी उठा-पटक शुरू हो गई है. सोमवार, 20 जून को हुए MLC चुनावों के बाद से कहा जा रहा था कि उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे लापता हो गए हैं. फिलहाल खबर आई है कि पार्टी से नाराज एकनाथ शिंदे गुजरात के सूरत में हैं और उनके साथ करीब 25 विधायक और भी हैं. आजतक की गोपी घांघर ने भी जानकारी दी है कि सूरत के एक होटल में शिंदे के साथ करीब 25 MLA मौजूद हैं. इस बीच शिंदे ने कहा है कि वो दोपहर 2 बजे सूरत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

सूरत के होटल के बाहर बैरिकेड लगे 

इंडिया टुडे के कमलेश सुतार की खबर के मुताबिक एकनाथ शिंदे सूरत के ले मेरेडियन होटल में मौजूद हैं. इस होटल से सूरत पुलिस कंट्रोल रूम को सोमवार देर रात 2 बजे एक फोन गया था कि होटल में सुरक्षा तैनात करनी है. फोन पर कहा गया था कि वहां महाराष्ट्र के कुछ विधायक आए हुए हैं. खबर के मुताबिक फिलहाल होटल में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं हैं. सूरत पुलिस ने रात ढाई बजे वहां बैरिकेड लगा दिए थे. रात भर सभी विधायक होटल में ही रहे. खबर लिखे जाने तक गुजरात बीजेपी से कोई नेता वहां नहीं पहुंचा है.

क्यों नाराज़ हैं एकनाथ शिंदे?

इंडिया टुडे के कमलेश सुतार के मुताबिक एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र सरकार में नंबर एक की हैसियत है. शिवसेना के बड़े नेता हैं और पार्टी पर अच्छी पकड़ है. ठाणे, कल्याण और पालघर में एकनाथ शिंद प्रभावी नेता माने जाते हैं. यही नहीं, 2019 में जब रातों रात अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दे दिया था और देवेंद्र फडणवीस ने अगली सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी, तब भी एकनाथ शिंदे ने अजित पवार के समर्थक विधायकों को वापस लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

लेकिन, सरकार बनने के बाद चीज़े बदल गईं. खबरों के मुताबिक शिंदे के नज़दीकी दावा करते हैं कि शिंदे के शहरी विकास मंत्रालय में आदित्य ठाकरे और उनके लोगों का खासा दखल रहता है. इसके बाद हाल ही में राज्यसभा चुनाव हुए थे. जिसमें नंबर होने के बावजूद शिवसेना के एक उम्मीदवार की हार हो गई. बताया जाता है कि राज्यसभा चुनाव की पूरी प्लैनिंग से एकनाथ शिंदे को दूर रखा गया था. शिंदे के करीबियों के मुताबिक इसके बाद सोमवार, 20 जून को विधान परिषद के चुनाव हुए तो इसकी रणनीति से भी उनके नेता को दूर रखा गया.

क्या हुआ था MLC में?

सोमवार को महाराष्ट्र में विधान परिषद की 10 सीटों पर चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी ने 5 उम्मीदवार और महाविकास अघाड़ी (शिवसेना+कांग्रेस+NCP) ने अपने 6 उम्मीदवार उतारे थे. नतीजे आए तो बीजेपी के पांचों कैंडिडेट जीत गए. जबकि शिवसेना और NCP के दो दो और कांग्रेस का एक उम्मीदवार ही जीत हासिल कर सका. महाविकास अघाड़ी में यहीं खेल हो गया. शिवसेना के 12 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. और नंबर कम होने के बावजूद बीजेपी के सारे उम्मीदवार जीत गए.

MLC चुनाव में शिवसेना के गणित की बात करें तो पार्टी के पास 55 विधायक थे (56 में से एक की मौत हो गई). इसके अलावा निर्दलीय और अन्य छोटे दलों को मिलाकर 9 और विधायक शिवसेना के पक्ष में थे. यानी कुल मिलाकर शिवसेना के पास 64 विधायकों का समर्थन था. लेकिन वोटिंग के दौरान पार्टी को सिर्फ 52 विधायकों के ही वोट मिले. बताया जा रहा है कि इस क्रॉस वोटिंग में एकनाथ शिंदे का हाथ था. उनके कहने पर ही शिवसेना के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी.

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