The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Madhya Pradesh 640 ton rice mo...

MP: खाद्य मंत्री के जिले में ही सड़ गया 12 हजार बोरी चावल, गरीबों को बंटने वाला था!

मार्केट रेट से चावल के दाम देखें तो 2 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

Advertisement
Anuppur rice
अनूपपुर के गोदाम में रखी चावल की बोरियां और मंत्री बिसाहूलाल सिंह (फोटो- आजतक)
pic
साकेत आनंद
5 अगस्त 2022 (Updated: 6 अगस्त 2022, 11:40 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री के जिले में ही 12 हजार बोरी चावल रखे-रखे सड़ गया. चावल की ये बोरियां अनूपपुर के एक गोदाम में तीन साल से स्टॉक में रखी थीं. ये अनाज पीडीएस के तहत गरीबों के लिए रखा गया था. मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह हैं. आजतक से जुड़े रविंद्र शुक्ला की रिपोर्ट के मुताबिक जांच करने पहुंचीं फूड इंस्पेक्टर सीमा सिन्हा ने बताया कि गोदाम में रखा करीब 640 टन चावल खाने योग्य नहीं हैं. शिकायत मिली थी कि इस खराब हो चुके चावल को भी गरीबों में बांटे जाने की तैयारी की जा रही थी.

अनूपपुर कलेक्टर ने जांच टीम बनाई

रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद अनूपपुर के कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की थी. टीम ने निरीक्षण के बाद चावल को सड़ा हुआ बताया. इसके बाद जिला प्रशासन ने वेयर हाउस को सील कर दिया. कार्रवाई का आदेश भी दिया गया है. जिस गोदाम में चावल सड़ गए, उसका नाम शुभ वेयर हाउस है.

वेयर हाउस और नागरिक आपूर्ति निगम इस लापरवाही के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. हालांकि फूड इंस्पेक्टर सीमा सिन्हा ने बताया कि इसमें वेयर हाउस और नागरिक आपूर्ति निगम दोनों की लापरवाही दिख रही है. समय से स्टॉक यहां से नहीं निकालने के कारण यह खराब हो गया. उन्होंने कहा कि अभी मार्केट रेट करीब 32-33 रुपये प्रति किलो है. इस हिसाब से अगर देखें तो 2 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

अनूपपुर जिले के कोटमा से कांग्रेस विधायक सुनील सराफ ने कहा कि इस जिले के खाद्य विभाग में भारी भ्रष्टाचार है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 

"खाद्य विभाग में लगातार घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं. दो फूड ऑफिसर यहां रिश्वत लेते पकड़े गए हैं. पहले चावल घोटाला हुआ. और अब 6 हजार क्विंटल अनाज सड़ गया. दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार और उसके अधिकारियों ने गरीबों का निवाला छीनने का काम किया है. जल्द से जल्द जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और नुकसान की भरपाई की जाए. नहीं तो हम खाद्य मंत्री का घेराव करेंगे."

बताया जा रहा है कि ये चावल साल 2017-18 और 2018-19 में स्टॉक किए गए थे. स्टॉक का उठाव नहीं होने के पीछे नागरिक आपूर्ति केंद्र और ट्रांसपोर्टर के बीच की निजी लड़ाई भी बताई जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन अपने स्तर से मामले की जांच में जुट गई है.

खर्चा-पानी : RBI ने फिर बढ़ाया रेपो रेट, कितनी बढ़ेगी EMI?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement