आधार कार्ड में 'मधु का पांचवां बच्चा' जैसी गलती हो जाए तो उसे सुधारा कैसे जाता है?
यूपी के बदायूं का मामला हर तरफ चर्चा में है.
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वायरल होता आधार कार्ड (फोटो- ट्विटर)
सजा तो उन सबको मिलनी चाहिए जिसने लिखा और जिसने आधार कार्ड पास किया । लेकिन भुगत बच्ची एवं उसके परिजन रहे हैं । https://t.co/KJSi2tA7Jf
— गुरु प्रसाद यादव, लखनऊ (@guruprasadyada5) April 4, 2022
अजब हाल है#आधार में नाम की जगह लिख दिया ‘मधु का पांचवां बच्चा’। मामला बदायूं के बिल्सी का है। अभिभावक जब छह वर्षीय बच्ची का दाखिला कराने प्राथमिक विद्यालय ले गए तो ये गलती देख अध्यापिका हैरान रह गई।@UIDAI pic.twitter.com/245liM4Hsv — अनुराग शुक्ला/Anurag Shukla (@anuraganu83) April 2, 2022
गजब की लापरवाही- गलती करे कोई भरे कोई :- आधार कार्ड में था नाम गलत और मासूम को नहीं मिला स्कूल में दाखिला, नाम की जगह पर लिखा था ‘मधु का पांचवां बच्चा’।। https://t.co/OM5HvMsVQe
— न्यु भारत (@TwNewbharat) April 4, 2022
आधार कार्ड बनाने वाला इतनी जल्दी में था कि बच्चे के मा बाप से नाम तक नहीं पूछ पाया। मधु का पांचवां बच्चा@UIDAI @anandmahindra @ripunbora pic.twitter.com/N7819KO10H
— Pramod Chaudhary (@ItsP_Facto) April 4, 2022
कैसे बनता है बच्चों का आधार?
इस वाकये से एक सवाल उठता है कि किसी बच्चे का आधार कार्ड कैसे बनता है, उसकी क्या प्रक्रिया होती है और अगर उसमें कुछ बदलाव करवाना हो तो उसके लिए क्या ज़रूरी डॉक्यूमेंट इस्तेमाल होते हैं. इन सब बातों को जानने के लिए हमने बात की ऋषभ साहू से जो आधार कार्ड बनाने का काम करते हैं. उन्होंने हमें बताया,"किसी भी बच्चे का आधार कार्ड बनाने के लिए सबसे अहम डॉक्यूमेंट होता है उसका जन्म प्रमाणपत्र. और उसके साथ में मां बाप का आधार कार्ड. ये दोनों डॉक्यूमेंट्स लगने के बाद ही उस बच्चे का आधार कार्ड बनाया जाता है. वहीं उसमें सुधार करने की बात आए तो उसके लिए एक करेक्शन फॉर्म होता है, जिसमें अलग-अलग कैटेगरी दी हुई होती है. आपको जिस तरह का सुधार आधार कार्ड में चाहिए वो उस करेक्शन फॉर्म में भरना होता है. उस फॉर्म में आपके लोकल पार्षद/सरपंच का साइन भी करवाना होता है. उसके बाद ये फॉर्म आधार सेंटर में सबमिट किया जाता है जिसके बाद ही उसे आगे सुधार के लिए भेजा जाता है."सिद्धांत वैष्णव भी आधार कार्ड बनाने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि आधार कार्ड में चूक की गुंजाइश अब बहुत कम हो गई है. सिद्धांत के मुताबिक अगर किसी के नाम ही की जगह ऐसा लिखा आ रहा है तो ये बड़ी बात है. वहीं बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने भी इस बात को स्वीकार किया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि आधार कार्ड बैंक और डाक घर में बनाए जा रहे हैं और ये मामला उनके संज्ञान में नहीं है. लेकिन दीपा रंजन ने माना कि अगर ऐसा हुआ है तो ये घोर लापरवाही है. उन्होंने कहा कि बैंक और डाकघर के अधिकारियों को सतर्क किया जाएगा और इस तरह की लापरवाही करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.