'जुमलाजीवी', 'तानाशाह' असंसदीय शब्दों की सूची में शामिल, विपक्ष ने कहा- "लिस्ट में संघी नहीं"
लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की नई लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट के आते ही हंगामा खड़ा हो गया है.
लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की नई लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट के आते ही हंगामा खड़ा हो गया है. विपक्ष ने कहा है कि नई बुकलेट में उन शब्दों को शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने साफ किया है कि इन शब्दों के इस्तेमाल पर कोई पाबंदी नहीं है.
क्या है बुकलेट में?मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बुकलेट में जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, स्नूपगेट, भ्रष्ट, धोखा देना, नाटक, पाखंड और अयोग्य जैसे शब्दों को असंसदीय घोषित किया गया है. यानी अगर संसद में कोई सदस्य इन शब्दों का प्रयोग करता है, तो उसे कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई बुकलेट में अराजकतावादी, शकुनी, तानाशाह, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी और खून से खेती जैसे शब्दों को भी अंससदीय घोषित कर दिया गया है. इनके अलावा गद्दार, गिरगिट, चमचा, चमचागिरी, चेला, घड़ियाली आंसू, अपमान असत्य, अहंकार, काला बाजारी, खरीद फरोख्त और काला दिन जैसे शब्द भी असंसदीय हैं.
और कौन से शब्द असंसदीय हैं?कोरोना स्प्रेडर
विश्वासघात
बहरी सरकार
सांड
विपक्ष का हमलाइन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए लिखा,
"कुछ ही दिन में संसद का सत्र शुरू होने वाला है. सांसदों के खिलाफ चुप रहने का आदेश निकाल दिया गया है. अब हम संसद में अपनी बात रखते हुए शर्मनाक, भ्रष्ट, धोखा देना, पाखंड और अयोग्य जैसे सामान्य शब्दों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे. मैं इन शब्दों का प्रयोग करूंगा. मुझे सस्पेंड कीजिए. मैं लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं."
तृणमूल कांग्रेस की ही सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने कहा,
"असंसदीय शब्दों की लिस्ट में संघी नहीं है. बेसिकली, सरकार ने वो सारे शब्द ले लिए हैं, जिनका प्रयोग विपक्ष ये बताने के लिए करता है कि बीजेपी कैसे देश को बर्बाद कर रही है. इन शब्दों को बैन कर दिया है."
कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद जयराम नरेश ने कहा,
वो सभी शब्द, जो मोदी सरकार की असलियत बताते थे, उन्हें असंसदीय माना जाएगा. अगला शब्द क्या होगा. विषगुरु?
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि असंसदीय शब्दों की नई सूची में शामिल किए गए शब्दों के इस्तेमाल पर कोई पाबंदी नहीं है. उन्होंने कहा है कि ये केवल संकलन है, कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है.
संसद और विधानसभाओं में अंससदीय शब्दों की लिस्ट लोकसभा सचिवालय की तरफ से बनाई जाती है. हालांकि, राज्यसभा चेयरमैन और लोकसभा अध्यक्ष के पास शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने का अंतिम अधिकार होता है.
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