3 जून 2016 (Updated: 3 जून 2016, 08:28 AM IST) कॉमेंट्स
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विजय माल्या ने 2002 में एक नई शुरुआत की थी. कर्नाटक से राज्यसभा में गए. एक निर्दलीय उम्मीदवार बनकर. हर पार्टी से वोट लिया. कैसे जुगाड़ किया, कहना नहीं है. इस बार के राज्यसभा चुनाव में भी वही ट्रेंड चल रहा है.
इंडिया टुडे टीवी ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया. इस में जनता दल(सेक्युलर) के दो, कर्नाटक जनता पक्ष का एक और एक निर्दलीय विधायक राज्यसभा सीट के अपने वोट के लिए करोड़ों रुपये के ऑफर की बात कर रहे हैं.
विधायक मल्लिकार्जुन खूबा 5 करोड़ मांग रहे थे, वहीं जी टी देवगौड़ा 10 करोड़.
राज्य में कुल 12 निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस को अपने तीसरे कैंडिडेट के लिए 12 विधायकों के वोट चाहिए. दो कैंडिडेट सुरक्षित हैं. वहीं जनता दल (सेक्युलर) को 10 और बीजेपी को 1 वोट चाहिए.
चुनाव आयोग ने वीडियो मंगाए हैं जांच के लिए. अगर आयोग को आपत्ति हुई तो चुनाव रद्द भी किये जा सकते हैं. राज्यसभा के चुनावों में प्रचार तो होता नहीं इसलिए आचार-संहिता नहीं लगती. फिर भी किसी किस्म की गड़बड़ी पाई गई तो ये रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपल एक्ट 1951 का उल्लंघन होगा.
विधायकों पर कार्रवाई हो सकती है. सदस्यता चली जाएगी. चुनाव लड़ने से बैन किये जा सकते हैं.