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4200 शराबी पाकिस्तानियों को मुसलमान मार क्यों रहे हैं?

कहानी पड़ोसी मुल्क की कलश ट्राइब की.

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विकास टिनटिन
23 अगस्त 2016 (Updated: 23 अगस्त 2016, 11:46 AM IST) कॉमेंट्स
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पाकिस्तान के भीतर जाइए. भीतर जाते हुए अफगानिस्तान बॉर्डर की तरफ बढ़ लीजिए. बस यहीं ठहरिए. पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के पास वाली पहाड़ियों के पास, यहीं कहीं. एक खूबसूरत सी जगह है. खैबर पख्तूनख्वा का चित्राल जिला. वहीं है बड़ी छोटी, मगर प्यारी सी कलश वैली. वाइन पसंद करने वाले कलश लोगों से घिरी वैली.
PC: REUTERS
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कलश वैली के 4,200 कलश लोग अब घबराए हुए हैं. वजह वही है, जो आए रोज डोनाल्ड ट्रंप अपने 'जहरीले' भाषणों में बतियाते रहते हैं, मुसलमानों का खौफ. ये लोग डरे और परेशान हैं कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान यानी पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम आएंगे, इनकी जमीन हड़प लेंगे, सालों पुराने कल्चर को तबाह कर देंगे और जबरन उनका धर्म बदलवा देंगे.
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यासीर कलश खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक होटल में मैनेजर हैं. यासीर बताते हैं, 'हम डरे हुए हैं. आस-पास के मुस्लिम कभी भी आते हैं. हमारी जमीन, जंगलों पर कब्जा करते हैं. ये लोग आते हैं और हमारे इलाके की बकरियों और औरतों को उठा ले जाते हैं. हम इस खौफ से भर गए हैं कि जल्द ही कलश लोग हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे.' मुस्लिम बहुल वाले पाकिस्तान में कलश माइनॉरिटी कम्युनिटी है.
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कलश लोग बीते कुछ सालों से यहां से धीरे-धीरे कूच कर रहे हैं. बहुत लोग नए ठिकाने की तलाश में घर-जमीन छोड़ रहे हैं. बताते हैं कि जून में 15 साल की एक लड़की उठा ली गई. जबरन इस्लाम धर्म कबूलवाया. अब धार्मिक आस्थाओं की बात करते हैं. कलश अपनी वैली में जो झरने हैं, उन्हें पवित्र मानते हैं. यहां भी एक पेच फंस रहा है.
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पेच ये कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान से लोग आते हैं. झरनों में नहाकर, कपड़े धोकर चले जाते हैं. यहां रहने वाले इमरान कबीर ने कहा, 'हम ऐसा करने वालों को मना करते हैं, लेकिन वो रुकते नहीं हैं. हमने उनसे कई मर्तबा कहा कि इन झरनों का पानी लोग पीते हैं, पर ये लोग हमें डरा धमकाकर, बेवकूफ कहकर चले जाते हैं.'
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टेस्टी वाइन बनाने का हुनर कलश लोग वाइन बड़ी सही बना लेते हैं. कहते हैं कि वाइन बनाना कलश लोगों का कल्चर है. वो लोग कहते हैं कि हम वाइन का यूज अपने रस्म रिवाज के लिए करते हैं. वाइन जो है, हमारे लिए बेहद पवित्र है. बताया जाता है कि 1947 के बाद कलश वैली के आस-पास लोग आकर बसने लगे थे. पहले सब प्यार से रह रहे थे. बाद में या ये कहें बीते दो दशकों से कलश लोगों पर हमले बढ़ रहे हैं. हमला करने का आरोप लगा वहीं पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम लोगों पर. कई बार तालिबान के आतंकी भी आकर धमका जाते हैं. खड़े-खड़े गोली मार देते हैं.
MAP में देखिए कहां है कलश वैली
MAP में देखिए कहां है कलश वैली, इस्लामाबाद से करीब 427 किलोमीटर दूर है ये जगह.
इस वैली में कलश लोगों को इस्लाम में कंवर्ट करवाने के मामले भी बढ़े हैं. यहां के लोगों का कहना है कि हमारे लोगों को जान से मार दिया जाता है. जानते हैं गुनाह क्या होता है, यही कि हम नॉन-मुस्लिम हैं.


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