खालिस्तानी अवतार सिंह खांडा के परिवार ने भारतीय पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
अवतार सिंह खांडा को ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तानी अमृतपाल सिंह का गुरु माना जाता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक जब अमृतपाल सिंह भारतीय पुलिस और जांच एजेंसियों से बचते हुए भाग रहा था, तब खांडा लगातार उसके संपर्क में था.

खालिस्तानी अवतार सिंह खांडा (Khalistani Avtar Singh Khanda) की मौत के मामले में उसके परिवार वालों ने भारत की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. खांडा को अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का करीबी माना जाता था. ब्रिटिश अखबार The Guardian ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि एक सिख एक्टिविस्ट ने इंग्लैंड के बर्मिंघम में शिकायत की है. शिकायत के अनुसार, भारत की पुलिस खांडा की मौत के पहले उसे फोन कर परेशान कर रही थी और पंजाब में उसके परिवार को धमकी भी दी जा रही थी.
रिपोर्ट के मुताबिक जून महीने में पेट दर्द की शिकायत के बाद खांडा को बर्मिंघम के सैंडवेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां उसकी मौत हो गई. ब्रिटिश अधिकारियों ने उसकी मौत पर कहा कि इस मामले में संदेह करने का कोई कारण नहीं था. खांडा के परिवार ने ब्रिटेन के अधिकारियों के इस बयान पर सवाल उठाया है. खालिस्तान समर्थक संगठनों के लोगों ने भी आरोप लगाया था कि खांडा की मौत के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसियों का हाथ है.
The Guardian ने खांडा के परिवार और दोस्तों के साथ किए इंटरव्यू का हवाला दिया है. लिखा है कि खांडा के परिवार ने दावा किया कि उसकी मौत संदिग्ध थी. खांडा के सहयोगियों ने कहा कि मिडलैंड्स पुलिस ने उसकी मौत के बाद उनके परिवार का बयान नहीं लिया.
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पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला खांडा पिछले कई सालों से ब्रिटेन की शरण में रह रहा था. उस पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था. वह लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर लगे तिरंगे को उतारने का भी आरोपी था. इस मामले में उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी.
कौन था खांडा?
अवतार सिंह खांडा को ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तानी अमृतपाल सिंह का गुरु माना जाता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक जब अमृतपाल सिंह भारतीय पुलिस और जांच एजेंसियों से बचते हुए भाग रहा था, तब खांडा लगातार उसके संपर्क में था.
यूनाइटेड किंगडम के सिख फेडरेशन ने कहा है कि अवतार सिंह को ब्लड कैंसर था. हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि उसकी मौत की वजह संदिग्ध है. कुछ लोगों का कहना था कि उसे जहर दिया गया. हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, खांडा के समर्थक चाहते थे कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट में जहर दिए जाने की पुष्टि हो और वो इसका आरोप भारतीय खुफिया एजेंसियों पर लगा सकें.
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