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33 साल पहले किया मर्डर, फिल्मी स्टाइल में पहचान बदल पुलिस को दिया चकमा, अब ऐसे पकड़ी गई

1990 में 18 साल की रेजी उर्फ अचम्मा अपनी एक दूर की रिश्तेदार के घर पर सहायिका के तौर पर काम करती थी. एक दिन घर की मालकिन का शव मिला. शक की सुई रेजी पर गई.

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kerala woman who killed her employer ran away started new life caught after 27 years
मालिक की हत्या कर फरार महिला 27 साल बाद पकड़ी गई. (सांकेतिक फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
30 जून 2023 (Updated: 30 जून 2023, 09:31 AM IST) कॉमेंट्स
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एक हत्यारी महिला पकड़ी गई है. वो 27 साल से फरार थी. 1996 में उसे हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी, जिसके बाद वो अचानक गायब हो गई. खबर है कि इतने सालों से वो नाम बदलकर एक नई लाइफ जीने लगी थी. बीते 26 जून को पुलिस ने उसे केरल स्थित तिरुवनंतपुरम सेंट्रल जेल में डाल दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े शाजू फिलिप की रिपोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या की घटना साल 1990 की है. केरल में अलाप्पुझा जिले के मनकमकुझी गांव की. 18 साल की रेजी उर्फ अचम्मा अपनी एक दूर की रिश्तेदार के घर पर सहायिका के तौर पर काम करती थी. 21 फरवरी को घर की मालकिन, 61 साल की मरियम्मा का शव मिला. मरियम्मा का मर्डर हुआ था. चाकू से गर्दन और शरीर पर कई वार किए गए थे. सोने के गहने भी गायब थे. मरियम्मा के पति और बच्चे घर से दूर रहते थे.

मर्डर का शक रेजी पर ही गया. एक पड़ोसी ने हत्या वाले दिन उसे घर से निकलते हुए भी देखा था. बाद में रेजी ने खुद ही कबूल कर लिया कि उसने ही मरियम्मा की हत्या की है. पुलिस को उसके पास से चोरी हुए गहने भी मिल गए.

मावेलिककारा की एडिशनल सेशन कोर्ट ने ‘बेनिफिट ऑफ डाउट’ देते हुए 1993 में रेजी को बरी कर दिया. फिर मामला केरल हाई कोर्ट पहुंचा. घटना के छह साल बाद 11 सितंबर, 1996 को कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. लेकिन जेल जाने से पहले ही रेजी फरार हो गई.

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केरल का एर्नाकुलम जिला. वहां पल्लारीमंगलम के आदिवाड गांव में मिनी नाम की एक महिला कपड़े की दुकान पर सेल्सपर्सन की नौकरी कर रही है. पति के साथ पिछले दो दशक से गांव में है. दो बच्चे भी हैं. एक डिफेंस फोर्स में ट्रेनी है दूसरा विदेश में पढ़ाई करता है. 24 जून को कपड़े की दुकान पर दो पुलिसवाले खरीदार बनकर पहुंचे. पूछने पर महिला ने अपना नाम मिनी बताया. इसपर एक पुलिसवाले ने बोला कि उसका नाम रेजी है. फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 1996 में अदालत के फैसले के बाद रेजी छिप गई थी. वो नाम बदलकर कोट्टायम में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने लगी. वहां उसे एक कंस्ट्रक्शन वर्कर से प्यार हुआ. 1999 में दोनों ने शादी कर ली और आदिवाड गांव जाकर बस गए. पिछले पांच सालों से मिनी दुकान पर काम कर रही थी. वो गांव से बाहर नहीं निकलती थी. सोशल मीडिया से भी दूर रहती थी. 

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