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केरल में चुनाव हारने के बाद भाजपा अब एक और नई मुश्किल में फंसती दिख रही है!

केरल भाजपा के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगे हैं.

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केरल BJP के चीफ के. सुरेंद्रन पहले ही चुनाव के वक्त नोट बरामदगी मामले को लेकर निशाने पर हैं. अब एक नए मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने के आदेश दिए हैं. (फोटो- K surendran twitter)
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अभिषेक त्रिपाठी
17 जून 2021 (Updated: 17 जून 2021, 07:51 AM IST) कॉमेंट्स
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केरल में वायनाड जिले की एक अदालत ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि राज्य के भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया जाए. सुरेंद्रन के अलावा जनाधिपत्य राष्ट्रीय सभा (JRS) पार्टी की नेता सी.के. जानू के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज होगा. दोनों पर चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं. केरल में इसी बरस विधानसभा चुनाव हुए हैं. 6 अप्रैल को मतदान हुआ था. 2 मई को नतीजे आए. राज्य में लगातार दूसरी बार LDF की सरकार बनी है. पिनारायी विजयन इतिहास रचते हुए एक बार फिर मुख्यमंत्री बने हैं. सुरेंद्रन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान सी.के. जानू को 10 लाख रुपये की रिश्वत दी थी, और NDA से उम्मीदवार बनने की पेशकश की थी. सुरेंद्रन पर ये आरोप लगाए मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पी.के. नवास ने. मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का अंग है. पी.के. नवास ने वायनाड की मजिस्ट्रेट कोर्ट में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. उसी पर अब कोर्ट ने IPC की धारा 171 (B), 171 (E), 171 (F) के तहत केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. क्या हैं ये धाराएं- 171 (B) –  किसी व्यक्ति को लालच देकर उसके निर्वाचन अधिकार का इस्तेमाल कराना. 171 (E) – रिश्वतखोरी. 171 (F) – चुनावों पर ग़लत असर डालने की कोशिश करना. जानू ने चुनाव लड़ा, पर जीत नहीं मिली इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, पी.के. नवास अपनी शिकायत लेकर पहले पुलिस के पास गए. वहां शिकायत दर्ज नहीं हुई तो कोर्ट पहुंचे. नवास के अलावा JRS पार्टी की राज्य कोषाध्यक्ष प्रसीता अझिकोड ने भी आरोप लगाया है कि जानू ने NDA में वापस आने के लिए सुरेंद्रन से 10 करोड़ रुपये की मांग की थी. तमाम ना-नुकुर के बाद 10 लाख पर बात बनी. इसके बाद जानू ने केरल विधानसभा चुनाव में NDA की तरफ से सुल्तान बथेरी सीट से चुनाव लड़ा. हालांकि वो हार गईं. हालांकि के. सुरेंद्रन और जानू लगातार इन आरोपों को नकार रहे हैं. उनका कहना है कि सत्ता में वापसी के बाद अब LDF और पिनारायी विजयन बदले की भावना से काम कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं. इसी संबंध में 9 जून को भाजपा नेता के. राजशेखरन ने केरल के राज्यपाल से भी मुलाकात की थी. उन्होंने शिकायत की थी कि LDF सरकार पुलिसिया तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. ब्लैक मनी लूट केस के बाद दूसरा मामला इससे पहले भाजपा पर केरल विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का बड़ा आरोप लगा था. 7 अप्रैल, यानी राज्य में मतदान के अगले दिन धर्मराजन नाम के एक शख्स ने केरल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि बदमाशों ने उसकी कार से 25 लाख रुपये लूट लिए हैं. पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि लूटी गई रकम 3.5 करोड़ तक हो सकती है, और ये पैसा हवाला लेनदेन का था. विरोधी दलों ने आरोप लगाए कि बीजेपी इस पैसे का इस्तेमाल चुनाव में करने वाली थी. इस मामले में पुलिस अभी तक 19 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. SIT ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के ड्राइवर और निजी सहयोगी से भी इस मामले में पूछताछ की है.

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