JNU VC को एक महीने पहले अल्टिमेटम मिला था, लेकिन तब सचिव बदल दिए गए थे
पहले भी इस्तीफे की मांग उठी थी. अब एक बार फिर आवाज़ बुलंद हो रही है.

JNU में पांच जनवरी के दिन भंयकर बवाल हुआ था. कुछ नकाबधारी गुंडों ने कैंपस के अंदर घुसकर जमकर तोड़-फोड़ की थी. स्टूडेंट्स और टीचर्स को पीटा था. करीब 34 स्टूडेंट घायल हो गए थे. घटना के बाद से ही JNU के वीसी एम. जगदेश कुमार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. इन सबके बीच अब ये खबर आई है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) की तरफ से करीब एक महीने पहले वीसी जगदेश कुमार को अल्टीमेटम दिया गया था. उस वक्त JNU में फीस बढ़ोतरी को लेकर स्टूडेंट लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. बवाल मचा हुआ था.
'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने 11 दिसंबर के दिन अल्टिमेटम दिया था. इसमें कहा गया था कि जगदेश कुमार या तो फीस बढ़ोतरी के मामले में समझौते वाले फॉर्मूले को स्वीकार कर लें या फिर वो इस्तीफे दे दें. इस अल्टिमेटम के आने के 48 घंटे बाद ही उच्च शिक्षा सचिव आर. सुब्रह्मण्यम को उनके पद से हटा दिया गया. उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव बना दिया गया.

JNU में 5 जनवरी के दिन हुई हिंसा के दौरान साबरमती हॉस्टल में जमकर तोड़-फोड़ हुई थी. फोटो- PTI
क्या था समझौते वाला फॉर्मूला?
HRD मंत्रालय की तरफ से प्रस्तावित फॉर्मूले में कहा गया था कि JNU प्रशासन केवल बढ़ा हुआ रूम रेंट चार्ज करेगा. सर्विस और यूटिलिटी चार्ज यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) उठाएगा. इसके बदले में स्टूडेंट्स अपना विरोध बंद करेंगे और यूनिवर्सिटी प्रशासन से बातचीत करेंगे. इस पूरे बवाल में पढ़ाई के वक्त का जितना नुकसान हुआ था, उसके मुआवजे के तौर पर सेमेस्टर के वक्त को दो हफ्ते के लिए बढ़ाया जाएगा. यूनिवर्सिटी को ये भी कहा गया था कि स्टूडेंट्स के खिलाफ पुलिस में दर्ज हुई शिकायतें भी वापस ली जाएं.
'इंडियन एक्सप्रेस' की ही रिपोर्ट के मुताबिक, अल्टिमेटम आने के बाद जगदेश कुमार ऊपर लिखे सारे फॉर्मूले को मानने के लिए तैयार भी हो गए थे, लेकिन दूसरे ही दिन उन्होंने अपना फैसला बदल दिया. 13 दिसंबर के दिन सुब्रह्मण्यम का ट्रांसफर हो गया. उनकी जगह सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे को नियुक्त किया गया.

5 जनवरी के दिन हुई हिंसा का विरोध करते स्टूडेंट्स. ये तस्वीर JNU मेन गेट की है. फोटो- PTI.
अब एक बार फिर एम जगदेश कुमार के इस्तीफे की मांग उठ रही है.
इसी बीच जगदेश कुमार ने अमित खरे से आठ जनवरी के दिन मुलाकात की. JNU में पांच जनवरी के दिन हुई हिंसा पर बातचीत करने के लिए. रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय के एक अधिकारी से जब सवाल किया गया कि सरकार जगदेश कुमार के इस्तीफे की मांग को स्वीकार करेगी या नहीं, इस पर अधिकारी ने जवाब दिया, 'नहीं. उनके इस्तीफे की मांग ही उनकी स्थिति को मजबूत करती है.'
JNUSU प्रेसिडेंट आइशी घोष की मां ने भी वीसी के इस्तीफे की मांग की है. AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से भी ये मांग उठाई जा रही है. खैर, JNU के वीसी के खिलाफ उठ रही मांगों पर क्या फैसला होगा, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता.
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