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हेमंत सोरेन ने SC-ST थाने में ED अफसरों के खिलाफ शिकायत कर दी, नाम भी गिनाए

शिकायत में अधिकारियों पर ये भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मीडिया को इस तलाशी अभियान की जानकारी पहले ही दे दी ताकि इस कार्रवाई से तमाशा बने और आम लोगों के बीच सीएम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे.

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दो दिन तक मुख्यमंत्री सोरेन का पता नहीं चला, फिर वो 30 जनवरी को एक गाड़ी में देखे गए. (फ़ोटो - आजतक)
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31 जनवरी 2024 (Updated: 1 फ़रवरी 2024, 16:02 IST)
Updated: 1 फ़रवरी 2024 16:02 IST
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफ़सरों के ख़िलाफ़ SC-ST ऐक्ट के तहत शिकायत दर्ज करवाई है. रांची पुलिस ने भी पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री ने ED अफ़सरों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने की शिकायत भेजी है. ये शिकायत धुर्वा थाने में मिली है. इससे पहले बुधवार, 31 जनवरी की दोपहर ED अधिकारियों की टीम मुख्यमंत्री आवास पर पहुंची. यहां हेमंत सोरेन से एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की जा रही है. वहीं उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रदर्शन चल रहा है. तनाव के चलते राजधानी में सुरक्षा इंतज़ाम भी पुख़्ता किए गए हैं.

ED अधिकारियों के ख़िलाफ़ शिकायत

शिकायत में CM सोरेन ने बाक़ायदा कुछ अधिकारियों का नाम लिया है – कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल और अन्य. रांची स्थित SC-ST पुलिस स्टेशन में भेजी गई शिकायत में लिखा है,

"जब मैं रांची आया, तो मीडिया के ज़रिये पता चला कि मुझे प्रताड़ित करने, मुझे और मेरी कम्युनिटी को बदनाम करने के लिए इन अधिकारियों ने नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन और शांति निकेतन में सर्च ऑपरेशन किए हैं."

हेमंत सोरेन ने लिखा है कि उनके आदिवासी समुदाय से होने के चलते स्थानीय मीडिया में उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की कवरेज 'डिज़ाइन' की गई है.

मुख्यमंत्री ने ED अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक मक़सद के तहत दिल्ली में उनके परिसरों की तलाशी ली. सोरेन के मुताबिक़, इस कार्रवाई को 'बिना नोटिस' के अंजाम दिया गया और कार्रवाई के दौरान उनके वहां मौजूद होने को भी ज़रूरी नहीं समझा गया. बल्कि उसी दिन (29 जनवरी) और  31 जनवरी को उन्हें रांची में मौजूद रहने को कहा गया था.

अधिकारियों पर ये भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मीडिया को इस तलाशी अभियान की जानकारी पहले ही दे दी. ताकि इस कार्रवाई से तमाशा बने और आम लोगों के बीच सीएम की प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचे.

ED को हेमंत सोरेन के दिल्ली निवास से एक BMW कार मिली थी. मुख्यमंत्री के मुताबिक़, ये कार उनकी नहीं है. लेकिन ये जानकारी इस तरह फैलाई गई, जिससे लगे कि इस महंगी गाड़ी के मालिक वो हैं. सीएम ने ED पर ये भी आरोप लगाया कि एजेंसी ने उनके ख़िलाफ़ चुनिंदा जानकारियां ही लीक कीं. इनमें 36 लाख रुपये की नकदी मिलने वाली जानकारी भी शामिल है. सोरेन ने पुलिस को बताया है कि इस कैश से उनका कोई संबंध नहीं है.

सीएम ने ये भी कहा है कि ED के इन अधिकारियों में से कोई भी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से नहीं आता है और उन्होंने लोगों के बीच उनकी छवि ख़राब करने के मकसद से ये कार्रवाइयां की हैं. उनके खिलाफ दिए गए सबूत 'झूठे' हैं और इन अधिकारियों द्वारा ‘गढ़े’ गए हैं.

आगे शिकायत में सीएम सोरेन की तरफ से कहा गया है कि पुलिस एससी-एसटी ऐक्ट के तहत इन अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई करे.

रांची में हालात क्या हैं?

बीते दो दिनों से झारखंड की राजनीति ज्यादा गरमाई हुई है. रांची से दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ‘लापता’ बताया गया. ED के 9 नोटिस नज़रअंदाज़ कर चुके मुख्यमंत्री पर भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाए कि वो जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनके पोस्टर लगाए कि मुख्यमंत्री लापता हैं. दो दिन तक मुख्यमंत्री सोरेन का पता नहीं चला, फिर वो 30 जनवरी को एक गाड़ी में देखे गए.

हालांकि, एक ई-मेल में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा था कि 31 जनवरी की दोपहर वो ED की पूछताछ के लिए अपने निवास पर मिलेंगे. इससे पहले 20 जनवरी को ED के अफ़सरों ने मुख्यमंत्री सोरेन से पूछताछ की थी, जो क़रीब 7 घंटे चली थी. 29 जनवरी को ED ने उनके दिल्ली स्थित घर पर छापा मारा. रेड सुबह शुरू हुई और शाम में जांच एजेंसी के अफ़सर 36 लाख कैश और एक महंगी गाड़ी के साथ मुख्यमंत्री के घर से निकले.

ये भी पढ़ें - CM हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकाने वाला अवैध खनन का मामला क्या है?

बीते रोज़, झामुमो के कार्यकर्ताओं ने ED की कार्रवाई के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था. ED की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया था. लोकल बस मालिकों से 100 बसें मांगी थी. इसे देखते हुए CrPC की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई थी. आज भी ED अफ़सरों के मुख्यमंत्री आवास पहुंचने से पहले सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए. 

वहीं सूबे की सियासत में भी हलचल तेज़ है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, महागठबंधन दल के विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन ने विधायकों से दो काग़ज़ों पर साइन करवाया. एक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम था, दूसरे में विधायक चंपई सोरेन का. कहा जा रहा है कि अगर मुख्यमंत्री गिरफ़्तार हो जाते हैं, तो कल्पना को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. वो पहली चॉइस हैं, लेकिन अगर सहमति नहीं बनी, तो चंपई को कमान दी जाएगी.

पार्टी के विधायक भी संकेत दे रहे हैं कि पार्टी किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है.

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