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"राष्ट्रपति मुर्मू को आदर..."- जगन्नाथ मंदिर में बैरिकेड पर अब क्या जानकारी सामने आई?

जगन्नाथ मंदिर के सचिव रविंद्र नाथ प्रधान ने आजतक को बताया कि अगर रथयात्रा वाले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आतीं तो उन्हें उसी आदर के साथ मंदिर के गर्भ जोन में जाने दिया जाता.

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jagannath temple sectretary on president draupadi murmu entry in premises rath yatra
जगन्नाथ मंदिर में राष्ट्रपति मुर्मू की तस्वीर को लेकर विवाद हो रहा है. (फोटो: ट्विटर)
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ज्योति जोशी
29 जून 2023 (Updated: 29 जून 2023, 02:47 PM IST) कॉमेंट्स
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सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) की दिल्ली स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) वाली फोटो पर खूब बवाल हुआ. कहा गया कि आदिवासी समुदाय की होने की वजह से राष्ट्रपति को मंदिर के गर्भगृह में नहीं जाने दिया गया. वहीं अश्विनी वैष्णव को मंदिर के गर्भगृह में पूजा करने दी गई. अब इस मामले में मंदिर के सचिव का बयान आया है. उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर में जाते हैं उन्हें एक लकड़ी के बैरिकेड के पीछे खड़े होकर ही भगवान के दर्शन करने होते हैं. उन्होंने बताया कि पूरे साल में दो बार रथयात्रा के दौरान आधे घंटे के लिए बैरिकेड हटाया जाता है. तब मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है.

जगन्नाथ मंदिर के सचिव रविंद्र नाथ प्रधान ने आजतक को बताया कि अगर रथयात्रा वाले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आतीं तो उन्हें उसी आदर के साथ मंदिर के गर्भ जोन में जाने दिया जाता. वो भी बाकियों की तरह भगवान की पूजा कर उन्हें रथ में विराजमान कर सकती हैं.

रविंद्र नाथ प्रधान ने कहा,

ये हमारे लिए और भी गर्व की बात होगी अगर भगवान के इस पूजन में खुद राष्ट्रपति मुर्मू शामिल होंगी.

इससे पहले प्रधान ने बताया था कि मंदिर में रथयात्रा वाले दिन मुख्य अतिथि के तौर पर अभी तक किसी महिला को आमंत्रित नहीं किया गया है. इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा रिवाज है कि ‘राजा’ भगवान जगन्नाथ का आह्वान करते हैं. उन्होंने बताया कि पूरे साल इस बैरिकेड के अंदर कुछ चुनिंदा पुजारियों के अलावा किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती. चाहे वो मंदिर प्रशासन से हो या कोई भी नेता मिनिस्टर या कोई भी VVIP.

इससे पहले राष्ट्रपति के साथ भेदभाव के आरोपों के बीच पता चला था कि उनकी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की तस्वीरें अलग-अलग समय की हैं. . 

प्रशासन की तरफ से यह भी कहा गया कि रथ यात्रा निकालते समय हिंदू धर्म में किसी भी जाति के लोग मंदिर के गर्भ जोन में जा सकते हैं. 

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