दीपा का दूसरा सबसे यादगार पल कौन सा है
क्रिकेटरों के कुत्तों के बारे में भी जानते हो, दीपा के बारे में कित्ता जानते हो.
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मम्मी-पापा के साथ दीपा. PTI

अपने लाइक और डिसलाइक के बारे में दीपा ने ट्वीटर पर बताया था. टीएमसी नेता डेरेक ऑ ब्रायन से बातचीत के दौरान. आमतौर पर हमारे यहां माना जाता है, जो पढ़ेगा वो खेलेगा नहीं और जो खेलता है वो पढ़ता नहीं. लेकिन दीपा ओलंपिक से आते ही अपना MA का पेपर देने निकल गईं. दीपा राजनीतिक विज्ञान की सेकेंड इयर की स्टूडेंट हैं. वो ओलंपिक में अपनी किताबें साथ लेकर गई थीं. प्रैक्टिस के बीच जब समय मिलता, झट से पढ़ने बैठ जातीं. दीपा त्रिपुरा विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर से अपने दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा दे रही हैं. एक्जाम सेंटर में भी क्या खूब नज़ारा रहा होगा. एक स्पोर्ट्स स्टार आपके साथ बैठकर परीक्षा दे रहा है.दीपा का प्यार का नाम या डाकनाम 'टीना' और 'गुड्डू' है. उन्हें'चिकन' और 'हिल्सा' पसंद है. कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल दीपा का दूसरा सबसे यादगार पल था.
खेलने वाले के लिए हमारे यहां पढ़ना मुश्किल होता है. ख़ासकर क्रिकेटरों के लिए, जो पूरे साल टूर पर ही रहते हैं. ज्यादातर क्रिकेटर 12वीं तक ही पढ़ पाते हैं. अपने सचिन को ही देख लीजिए. बस मैट्रिक पास हैं. लेकि कुछ ऐसे हैं जो काफी पढ़े-लिखे हैं. वॉल के नाम से फेमस राहुल द्रविड़ एमबीए हैं. अनिल कुंबले इंजीनियर हैं. क्रिकेट की वजह से ज़हीर ख़ान को अपनी इंजीनियरिंग और वीवीएस लक्ष्मण को डॉक्टरी की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी.पर दीपा के माता-पिता का कहना है कि दीपा पढ़ाई को लेकर भी खेल जितनी ही सीरियस हैं. तो इस बात की भी बराबर संभावना है कि अगले ओलंपिक में प्रोदुनोवा कर रही भारतीय जिम्नास्ट के आगे डॉ. लिखा जाए. और वो दीपा कर्मकार से डॉ. दीपा कर्मकार, पीएच. डी. इन पॉलिटिकल साइंस बन जाएं. वैसे राजनीति विज्ञान भी जिम्नास्टिक ही है.
