7 जून 2016 (Updated: 7 जून 2016, 08:12 AM IST) कॉमेंट्स
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एकनाथ खडसे की कुर्सी खड़क चुकी है. और उनका 'रामटेक' भी छूटेगा. रामटेक वो जगह है जहां वो टेका लगाकर बैठते थे. माने उनका ऑफिशियल रेसीडेंस था. मुंबई के मालाबार में 8857 स्क्वायर मीटर में फैला है ये बंगला. खडसे के नप जाने के बाद जाने कितनों की रामटेक के नाम से सूख गई है. काहे कि उस बंगले को सब मनहूस बता रहे हैं. वहां जो ही जाता है उसके साथ कुछ बुरा हो जाता है. वो किसी स्कैम में या किसी धांधली में फंस जाता है. कुर्सी चली जाती है. पॉलिटिक्स की लंका लग जाती है.
खडसे के पहले इस समुंदरमुखी बंगले में छगन भुजबल रहते थे. छगन भुजबल एनसीपी के नेता थे. फिलहाल जेल में पाए जाते हैं. 15 साल इस बंगले में रहे थे. तीसरा महीना चल रहा है, जेल में होने का. उन पर मनी लांड्रिंग के चार्ज लगे हैं. महाराष्ट्र सदन स्कैम में. इसके पहले वो अब्दुल करीम तेलगी के 'तेलगी स्टाम्प घोटाले' में भी फंसे थे. उनका नाम इस केस में आया तो एक टीवी न्यूज चैनल ने उन पर सार्कास्टिक सा शो चला दिया. उनके वाले गए और वहां तोड़-फोड़ कर आए. नतीजा ये हुआ कि बवाल हुआ, मीडिया उनके पीछे पड़ गया और उनको इस्तीफा देना पड़ गया था.
उनके पहले इस बंगले में गोपीनाथ मुंडे रहते थे. तब वो उपमुख्यमंत्री हुआ करते थे. अन्ना हजारे ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उनके खिलाफ करप्शन के आरोप लगे और उनकी पॉलिटिक्स और पर्सनल लाइफ पर बड़ा असर पड़ा था.
गोपीनाथ मुंडे के पहले वहां विलासराव देशमुख रहते थे. रामटेक में रहने के दौरान उनने अपने पॉलिटिकल करियर के दुर्दिन देखे थे. ये 1995 की बात है. उनने बाद में विधान परिषद के चुनाव से अपनी पॉलिटिक्स जिलाए रखने की कोशिश की लेकिन सक्सेजफूल न हुए बाद में उनने 1999 में राजनीति में अच्छे दिन भी देखे लेकिन तब वो रामटेक छोड़ चुके थे.
वैसे एक बात कहें. खडसे अपने ऊपर लगे इल्जामों के कारण गए हैं. भुजबल अपने कर्मों से जेल में हैं. विलासराव देशमुख चुनाव हारे क्योंकि लोगों ने उनको वोट नहीं दिए होंगे. इसमें उस घर का थोड़े कोई फर्क पड़ता है. हमको नहीं लगता कि गोपीनाथ मुंडे से लेकर खडसे तक जो भी इस घर में रहने के दौरान मुसीबतों में आए, इस घर की वजह से आए. मनहूस-वनहूस कुछ नहीं होता. लल्लन को ऐसी बातें बस अफवाह लगती हैं.