The Lallantop
Advertisement

कारोबारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी IPS मणिलाल पाटीदार को जमानत मिल गई

UP पुलिस चार्जशीट ही दाखिल नहीं कर पाई.

Advertisement
ips-manilal-patidar
आरोपी IPS मणिलाल पाटीदार और मृतक इंद्रकांत त्रिपाठी. (फोटो: आजतक)
font-size
Small
Medium
Large
11 जनवरी 2023 (Updated: 11 जनवरी 2023, 20:33 IST)
Updated: 11 जनवरी 2023 20:33 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के महोबा ज़िले में एक कारोबारी की ‘हत्या’ के मामले में आरोपी बने IPS मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) को ज़मानत दे दी गई है. 16 जनवरी 2020 को तत्कालीन DIG के आदेश पर मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुक़दमा दायर किया गया था. भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने पर दस साल की जेल का प्रावधान है, लेकिन एंटी-करप्शन अदालत ने उन्हें तकनीकी आधार पर ज़मानत दे दी. 

दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने घटना के 60 दिनों तक चार्जशीट दायर ही नहीं की थी. और, ऐसे मामलों में चार्जशीट दायर होने में इतनी देर होने पर आरोपी को ज़मानत का अधिकार मिल जाता है. घटना के दो साल तक आरोपी IPS फ़रार थे. 29 अक्टूबर 2022 को उन्होंने सरेंडर कर दिया था. 27 दिसंबर 2022 तक चार्जशीट दाख़िल हो जानी चाहिए थी, लेकिन UP पुलिस ने ऐसा किया नहीं.

मामला ‘हत्या’ से जुड़ा हुआ है

इससे पहले 8 सितंबर, 2020 को महोबा ज़िले से बांदा की ओर जाने वाले रास्ते पर एक महंगी कार में एक आदमी घायल मिला. शरीर से बहुत सारा ख़ून निकल रहा था. गर्दन में गोली लगी थी. घायल व्यक्ति को महोबा अस्पताल ले जाया गया. स्थिति गम्भीर थी. डॉक्टरों ने कानपुर मेडिकल कॉलेज रेफ़र कर दिया. परिवार और पुलिस वाले घायल को लेकर कानपुर पहुंचे. इलाज के दौरान 13 सितंबर को शख़्स की मौत हो गई.

मृतक महोबा ज़िले का ही एक खनन व्यापारी था. नाम, इंद्रकांत त्रिपाठी.

इस मौत से सूबे का प्रशासनिक महकमा सकते में आ गया था. कहा गया कि CM योगी आदित्यनाथ ख़ुद इस मामले में रुचि ले रहे हैं. और, ऐसा क्यों? क्योंकि गोली लगने से ठीक एक दिन पहले यानी 7 सितंबर को व्यापारी के कुछ वीडियो वायरल हुए थे. इस वीडियो में व्यापारी ने कहा था कि उनकी जान को ख़तरा है. अपने ज़िले के पुलिस अधीक्षक से ही उन्होंने जान का ख़तरा बताया था. वीडियो में कहा था कि उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं. इंद्रकांत ने साफ़ कहा कि अगर उनकी हत्या हुई, तो जिम्मेदार जिले के SP होंगे. उस समय वहां के SP थे IPS मणिलाल पाटीदार.

इंद्रकांत त्रिपाठी के घायल हालत में मिलने के बाद ही IPS पाटीदार को सस्पेंड कर दिया गया. उनके ख़िलाफ़ धारा 307 के तहत केस दर्ज किया गया था. मौत के बाद केस में धारा 302 (हत्या) भी जोड़ दी गई. मामले की जांच के लिए SIT का गठन हुआ. SIT ने रिपोर्ट दी कि इंद्रकांत त्रिपाठी ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से ख़ुद को गोली मारी थी. लेकिन उत्पीड़न और दबाव के पक्ष को देखते हुए SIT ने मणिलाल पाटीदार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुक़दमा दर्ज कर दिया था. मणिलाल पाटीदार पर 25 हज़ार का इनाम घोषित किया गया और उसके बाद मणिलाल फ़रार हो गए. दो साल फ़रारी में काटे.

वीडियो: यूपी का वो कांड जिसमें IPS अधिकारी को ही पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement