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UP: दो साल से फरार IPS अधिकारी ने कोर्ट के सामने सरेंडर किया, हत्या का आरोप है

महोबा में एक व्यापारी की मौत मामले में IPS आरोपी हैं. यूपी पुलिस ने उन पर एक लाख का इनाम रखा था.

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Mahoba IPS Manilal Patidar
महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार (फोटो- आजतक)
15 अक्तूबर 2022 (Updated: 15 अक्तूबर 2022, 18:50 IST)
Updated: 15 अक्तूबर 2022 18:50 IST
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पिछले 2 साल से फरार चल रहे उत्तर प्रदेश के एक IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने सरेंडर कर दिया है. IPS मणिलाल महोबा में एक खनन व्यापारी की मौत मामले में आरोपी हैं. महोबा के एसपी रहते हुए मणिलाल पाटीदार फरार हो गए थे. उन पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था. 15 अक्टूबर को पाटीदार ने लखनऊ की एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर किया. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

महोबा कांड की कहानी

7 सितंबर 2020. यूपी में एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में महोबा का एक क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार से अपनी जान बचाने की मांग करता है. वह आरोप लगाता है कि जिले के एसपी उससे 6 लाख रुपए रिश्वत वसूलना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें लगातार धमका रहे हैं. इंद्रकांत त्रिपाठी इशारा करते हैं कि उनकी हत्या हो सकती है. हत्या होने पर वह सीधे-सीधे एसपी मणिलाल पाटीदार को दोषी मानने की बात कहते हैं.

वीडियो वायरल होने के अगले ही दिन इंद्रकांत को गोली मार दी गई. 8 सितंबर 2020 को महोबा के बगवाखेड़ा गांव के पास इंद्रकांत त्रिपाठी को एक कार में घायल अवस्था में पाया गया था. उनके गले में गोली लगी थी. घटना के अगले ही दिन 9 सितंबर को मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड कर दिया गया था. एसपी मणिलाल के खिलाफ धारा-307 (हत्या की कोशिश) के तहत केस दर्ज हुआ. 13 सितंबर को कानपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान इंद्रकांत की मौत हो गई थी. इसके बाद मणिलाल पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया.

SIT जांच में क्या निकला?

यूपी सरकार ने जांच के लिए SIT गठित की थी. SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि यह सुसाइड हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया था कि गोली इंद्रकांत त्रिपाठी की लाइसेंस वाली पिस्टल से चली थी और नजदीक से चलाई गई थी. जांच में कहा गया था कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि जब इंद्रकांत को गोली लगी, तो कार में दूसरा कोई मौजूद था. 

मौत के बाद परिवारवालों ने पाटीदार पर आरोप लगाए थे. इंद्रकांत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने उनके खिलाफ कबरई थाने में केस दर्ज कराया था. FIR में मणिलाल पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए थे. हालांकि अपने निलंबन के बाद ही IPS मणिलाल फरार हो गए थे. फरार चल रहे पाटीदार की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और कर्नाटक में भी छापेमारी की थी. पिछले साल जून में सरकार ने उनके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

भ्रष्टाचार मामले में भी दोषी

मणिलाल पाटीदार 2014 बैच के IPS अधिकारी हैं. राजस्थान के डुंगरपुर के रहने वाले हैं. यूपी सरकार ने पाटीदार के निलंबल के बाद उनके खिलाफ विजिलेंस जांच का भी आदेश दिया था. जांच के बाद इस साल मई में पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया. आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में सामने आया था कि महोबा में थानेदारों की पोस्टिंग और ट्रांसफर में भ्रष्टाचार हुआ. इसमें पाटीदार के अलावा कुछ और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी आरोप तय हुए.

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