इंडिया के पहले 'मिस्टर यूनिवर्स' की मौत
मनोहर की हाइट 5 फुट थी. लेकिन गर्दन में रॉड फंसा कर मोड़ देते थे. हजारों पन्नों की बंद किताब फाड़ देते थे.
Advertisement

फोटो - thelallantop
टर्मिनेटर में आर्नोल्ड की बॉडी देखकर हम लोग पागल हो जाते थे. हर जिम में उसकी फोटो लगी रहती. हमें लगता कि हिन्दुस्तानी वैसी बॉडी नहीं बना सकते. 'बंधन' फिल्म में जब सल्लू भाई बॉडी बना के आए, तब लगा कुछ बदल रहा है. पर भारत की धरती कभी वीरों से खाली नहीं थी. हम लोगों को पता नहीं था.
हमारे इंडिया में भी एक बॉडी बिल्डर था. मिस्टर यूनिवर्स बना था. 1952 में. नाम था उनका मनोहर आइच. रविवार को 104 साल के मनोहर आइच का निधन हो गया. एकदम हंसते-खेलते मिलते मिलाते गए. बॉडी दिखाती हुई तस्वीरों के साथ अलविदा कह चले गए.
https://twitter.com/ANI_news/status/739662560358739969
आइए उनके बारे में आपको कुछ बताते हैं:1. मनोहर आइच की लंबाई मात्र चार फुट 11 इंच थी. हमारे समाज में इतनी लंबाई को कुछ लोग परफेक्ट नहीं मानते हैं. पर इस आदमी को कोई नॉट परफेक्ट के टैग से नहीं जोड़ पाया. क्योंकि मनोहर इतनी छोटी बात से हार माननेवालों में से नहीं थे.
2. आज के बांग्लादेश और उस समय के हिंदुस्तान में इनका जन्म हुआ था. बचपन में ये थोड़े फूले हुए थे. एक बार दबा के बीमार पड़े. बुखार से चला नहीं जाता था. ठीक हुए तो बहुत कमजोर हो गए थे. बस ठान लिया कि देह तो बनानी है.
3. बनाने लगे. इतना बनाया कि गर्दन में स्टीन रॉड फंसा के मोड़ देते थे. हाथों से डेढ़ हज़ार पन्नों की बंद बुक फाड़ देते थे. किसकी बुक फाड़े नहीं पता. जादूगर पी सी सरकार के साथ शो करते थे. उस समय के बंगाली लोग पागल हो जाते थे देखकर.
4. 1950 मिस्टर हरकुलिस का खिताब जीतने के बाद इनको पॉकेट हरकुलिस भी कहा जाता था. आज ज़माने में बहुत बाहुबली पैदा हुए हैं. पिक्चर भी आई. मनोहर को उसी समय बाहुबली कहा जाता था. हिंदुस्तान के ये पहले ऑफिसियल बाहुबली थे.
5. 1952 में इन्होंने मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता. इस से पहले 1951 में दूसरे नंबर पर आए थे. 1955 में तीसरे और 1960 में चौथे स्थान पर रहे. 47 की उम्र में. मजाक नहीं है.
6. हम लोगों की ही तरह वो भी विवेकानंद की बातों को मानते थे, कर्म से.
7. 1942 में उन्होंने रॉयल एयरफोर्स जॉइन कर लिया था. वही ब्रिटिश वाला. पर एक दिन झंझट हो गया. हिन्दुस्तानी और अंग्रेज वाली बातों पर. इन्होंने एक अफसर की कनपटी के नीचे रख दिया, कस के. जेल जाना पड़ा. 12 साल की सजा हुई थी. काटनी नहीं पड़ी. छोड़ दिया गया. पर मनोहर उस बात का बुरा नहीं मानते. एक बार बोले थे कि अंग्रेज इनके टैलेंट को पहचानते थे. जेल में ही जबरदस्त ट्रेनिंग करवाई गई थी. अंग्रेजों ने बड़ी मदद की थी बाद में भी.
8. 100 साल पूरा होने पर एक अखबार को मनोहर ने बताया कि अनुशासन और मेहनत से वो शतक बनाने में कामयाब रहे. फिर बोले कि अपन किसी बात का टेंशन कभिच लिया ही नहीं. लाइफ को कभी सीरियसली नहीं लेना.
9. 1987 में मनोहर 75 साल के थे. वर्ल्ड फिजिक फेडरेशन के प्रेसिडेंट डेनिस ने इनको लैटर लिखा था कि भाई, तुम्हारे मुंडी की नीचे 36 साल के आदमी का शरीर है. विश्वास नहीं होता.
10. राजनीति में भी आये. मनोहर बीजेपी से खड़े हुए. 1991 के लोकसभा चुनाव में. हार गए थे.
(ये स्टोरी दी लल्लनटॉप के साथ जुड़े ऋषभ श्रीवास्तव ने लिखी है)