The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Indian Athletes who comes four...

दीपा ही नहीं मिल्खा, पीटी उषा, जॉयदीप और बिंद्रा भी ओलंपिक में चौथे रहे हैं

ये इंडियन एथलीट्स थोड़े प्वाइंट्स से मेडल जीत नहीं पाए.

Advertisement
Img The Lallantop
फाइनल में प्रोदुनोवा करने के बाद दीपा कर्मकार. Reuters
pic
जागृतिक जग्गू
16 अगस्त 2016 (Updated: 16 अगस्त 2016, 12:57 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
जब से रियो में ओलंपिक का फीता कटा है, लोग रोज अखबार में, साइट्स पर इंडिया का मेडल तलाशते हैं. संडे को एक मेडल इंडिया को मिलते-मिलते रह गया. अगर दीपा फाइनल में स्विट्जरलैंड की गिलिया स्टेनग्रबर से हारी नहीं होती तो मेडल हमारे खाते में होता. खैर चौथे नंबर पर रहने वाली दीपा अकेली एथलीट नहीं हैं. उनके अलावा भी कई एथलीट्स हैं जो नंबर चार पर रहे हैं. लेकिन चार पर होने के बाद भी वो सबके दिलों में बसे हैं. लल्लन आपको बता रहा है उन भारतीय एथलीट्स के बारे में जो इंडिया के लिए मेडल जीतते-जीतते रह गए.

1. मिल्खा सिंह : 1964, रोम400 मीटर रेस, 0.1 सेकेंड

मेंस 400 मीटर रेस का फाइनल. मिल्खा भी पांचवें लेन में खड़े थे. ये उनका फेवरेट लेन हुआ करता था. गोली की आवाज पर रेस शुरू हुई. पहले चक्कर में मिल्खा रिकॉर्ड टाइम से आगे चल रहे थे. तीसरे चक्कर में मिल्खा थोड़ा स्लो हो गए. जिसने उनके साथ दौड़ रहे एथलीट्स को आगे निकलने का मौका दे डाला. मिल्खा की ये गलती उनको बहुत भारी पड़ी. और वो इस रेस में चौथे नंबर पर रहे. तीसरे नंबर पर साउथ अफ्रीका का एथलीट रहा. उसने रेस 45.5 सेकेंड में पूरा किया. जबकि मिल्खा ने 45.6 सेकेंड में. अमरीका का ओटिस डेविस गोल्ड भर ले गया. और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना गया. उसने 400 मीटर 44.9 सेकेंड में नाप दिया.
मिल्खा सिंह दांए से दूसरे )
मिल्खा सिंह (दांए से दूसरे). Reuters

2. पीटी उषा : 1984, लॉस एंजेलिस 400 मीटर रेस, 0.1 सेकेंड

वीमेंस 400 मीटर रेस का फाइनल. उषा को पांचवें लेन में दौड़ना था. उनके अलावा 7 और एथलीट्स थे. रेस शुरू हुई. उषा के साथ दौड़ रही एक एथलीट ने गलत तरीके से स्टार्ट लिया. जिसके चलते उषा फ्रैक्शन ऑफ सेकेंड से हार गई. उषा ने 400 मीटर का रेस 55.42 सेकेंड में पूरा किया. स्टेडियम में बैठे अनाउंसर ने उन्हें पहले थर्ड बताया. फिर अपने आप को सही और इंडिया की उम्मीदों को चकनाचूर करते हुए रोमानिया की एथलीट को तीसरा स्थान दे दिया. उसने रेस 55.41 सेकेंड में पूरी की थी. और वो 0.1 सेकेंड से हार गईं. इंडिया के झोले में कांस्य पदक आते-आते रह गया. इस रेस की विनर मोरोक्को की नावल एल मॉटवाकेल रहीं. सिल्वर मेडल ऑस्ट्रेलिया की जूडी ब्राउन ले गईं.
PT Usha Reuters
PT Usha. Reuters

 3. जॉयदीप कर्माकर : 2012, लंदनमेंस 50 मीटर राइफल, 2 प्वाइंट

50 मीटर राइफल शूटिंग का फाइनल. जॉयदीप के अलावा 8 और शूटर्स उस फाइनल का हिस्सा थे. सब की नजर गोल्ड पर ही थी. राउंड शुरू हुए. फाइनल राउंड के बाद कर्माकर 699.1 प्वाइंट के साथ चौथे नंबर पर थे. तीसरे नंबर पर था स्लोवेनिया का राजमोंद देबेवेक. वो कर्माकर से 1.9 प्वाइंट आगे था. गोल्ड पर कब्जा था रूस के सेरगई मार्नोव का. सिल्वर भर ले गया बेल्जियम.
Joydeep karmakar

4. अभिनव बिंद्रा : 2016, रियो10 मीटर एयर राइफल, 0.2 प्वाइंट

10 मीटर एयर राइफल का फाइनल. शूटिंग के राउंड शुरू हुए. 16 शॉट्स के बाद यूक्रेन के सेर्ही कुलिश और बिंद्रा के बीच टाई हो गया. दोनों के 163.8 प्वाइंट थे. शुरुआत तो बिंद्रा की शानदार थी. पर बाद में लुढ़क गए. पहले राउंड के बाद चौथे पर थे. दूसरे राउंड के बाद दूसरे नंबर पर. लेकिन तीसरे राउंड में आगे जाने के बजाए तीसरे पर चले आए. चौथे राउंड में बिंद्रा के दो खराब शॉट्स ने उनसे मेडल छीन लिया. और कांस्य पदक यूक्रेन ले गया.
Abhinav-Bindra

5. दीपा कर्मकार : 2016, रियोप्रोदुनोवा, 0.15 प्वाइंट

प्रोदुनोवा का फाइनल. क्वालीफाइंग राउंड में बेहतर प्रदर्शन के बाद सबकी निगाहें दीपा पर थीं. ब्लू कलर के ड्रेस में दीपा अपने कोच के साथ खड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं. पूरे देश की निगाहें दीपा पर थीं. उनकी बारी आई. पूरी ताकत लगा कर उन्होंने सबसे खतरनाक प्रोदुनोवा किया. उसे करने के बाद वो बहुत खुश थीं. चेहरा चमक रहा था. निगाहें स्क्रीन पर थीं. सारे जिमनास्ट प्रोदुनोवा कर चुके थे. रिजल्ट की बारी थी.
Source : Reuters
Source : Reuters

स्क्रीन पर जैसे ही रिजल्ट फ्लैश हुआ, दीपा के साथ-साथ सारे देशवासियों को सदमा सा लगा. दीपा 15.066 प्वाइंट के साथ चौथे स्थान पर थीं. पहले प्लेस पर 15.966 प्वाइंट के साथ अमरीका की सिमोन बाइल्स थीं. दूसरे पर 15.253 प्वाइंट के साथ रूस की मारिया पसेका और तीसरे पर स्विट्जरलैंड की गिलिया स्टेनग्रबर थीं. 15.216 प्वाइंट के साथ. और दीपा के थे 15.066 प्वाइंट. मतलब दीपा स्टेनग्रबर से 0.15 प्वाइंट से पीछे रह गईं. और ब्रॉन्ज मेडल इंडिया आने के बजाए स्विट्जरलैंड चला गया.


ये भी पढ़ें

कभी पत्थर तोड़ता था, आज ओलंपिक में तिरंगा किए है बुलंद

14 अगस्त को ये 'बूढ़ा' आदमी कर सकता है 'कांड'

पहली बार ओलंपिक में शामिल इन एथलीट्स का कोई देश नहीं है

http://'मैंने समझा था टिंडर पर छिछोरा जिसे, वो तो फेल्प्स को हरा के मेडल ले गया'

400 मीटर की रेस, ट्रैक पर गोता लगाकर जीत गयी

बोल्ट का रिकॉर्ड टूटे तो मेरी मूंछें मुंडवा देना
प्रिय खिलाड़ियों! भाड़ में जाए लोगों का दबाव, आप खेलिए लल्लनटॉप

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement