ओलंपिक्स से लौटी इंडियन एथलीट को स्वाइन फ्लू
ओलंपिक्स शुरू होने से पहले रियो में इसके करीब हज़ार केस सामने आए थे.
ओलंपिक्स ख़त्म हो गया. खिलाड़ी देश वापस आ गए. इंडियन एथलीट सुधा सिंह जब से वापस आईं. उनके पूरे शरीर में दर्द था. बुखार बहुत तेज़ था. भयानक थकान हो रही थी. जो खेल की थकान से अलग थी. उनको बैंगलौर के एक हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. खून के सैंपल टेस्ट होने के लिए पुणे की लैब में भेजे गए. डॉक्टरों को लगा था कि
जीका वायरस का इन्फेक्शन ना हो. ब्राजील में जीका वायरस की महामारी बहुत फैली है. टेस्ट से पता चला
जीका वायरस का इन्फेक्शन नहीं है.
H1N1 टाइप A यानी स्वाइन फ्लू है. जीका के बाद अब स्वाइन फ्लू ब्राज़ील की बहुत बड़ी प्रॉब्लम बन गया है.
H1N1 टाइप A वायरस और
जीका वायरस काफी एक जैसे होते हैं. फर्क ये है कि जीका वायरस का अभी तक इलाज खोजा नहीं जा पाया है. ये दोनों वायरस नार्थ और साउथ अमेरिका में बहुत फैले हुए हैं. रियो ओलंपिक्स शुरू होने से पहले वहां जीका के एक हज़ार केस मिले थे.
ये दोनों वायरस मच्छर के काटने से फैलते हैं. ऐसी जगहों में होते है जहां गर्मी बहुत पड़ती है. और अगर मच्छर ने काट लिया तो तेज़ बुखार, जुखाम और फ्लू वाले सारे लक्षण होते हैं.
खिलाड़ियों को रियो जाने से पहले इन वायरस और मच्छरों से बचने की जानकारी दी गई थी. साउथ कोरिया के खिलाड़ियों ने तो ऐसे कॉस्टयूम पहने थे जिनपर मच्छर भगाने वाले केमिकल लगे थे.

सुधा को अगले दो तीन महीनों तक उनको डॉक्टरों और दवाइयों के सहारे रहना पड़ेगा. भारत की स्पोर्ट अथॉरिटी की डॉक्टर सरला ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के साथ रिस्क नहीं ली जा सकती. फिलहाल सुधा का स्वाइन फ्लू का इलाज चल रहा है.