'पैसे मांगने वाला देश, आतंक और कट्टरता में शामिल... ' UN में भारत ने पाकिस्तान को खूब सुनाया
भारत ने UN में कहा है कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों में शामिल ऐसा देश है, जो IMF से बार-बार लोन मांगता है.

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है. 23 जुलाई को ‘शांति और अलग-अलग देशों को साथ लेकर चलने’ के विषय पर एक उच्च स्तरीय बहस का आयोजन हुआ था. इसी मौके पर UN में भारत के स्थाई प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान के बारे में सख्त टिप्पणियां कीं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है. साथ ही वो कर्ज में भी डूबा हुआ है. इसके कारण वो बार-बार इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के पास लोन मांगने जाता है.
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंसभारतीय प्रतिनिधि के बोलने से पहले पाकिस्तान के प्रतिनिधि बोल चुके थे. उन्होंने कश्मीर मुद्दा और भारत के साथ सिंधु जल संधि पर चल रहे विवाद की चर्चा की थी. पाकिस्तान की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्वथानेनी हरीश ने कहा,
मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हूं. भारतीय उपमहाद्वीप प्रगति, समृद्धि और विकास के मॉडल के मामले में बिल्कुल विपरीत है (पाकिस्तान से). एक ओर भारत एक मजबूत लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और सभी देशों को साथ लेकर चलने वाला समावेशी समाज है. दूसरी ओर पाकिस्तान कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और IMF से पैसा उधार लेकर वो अपना काम चलाता है.
जब हम अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं, तो ये समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांतों का सम्मान किया जाना चाहिए. उनमें से एक है आतंकवाद के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस. कुछ सदस्य ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो परिषद में स्वीकार्य नहीं हैं, ऐसे सदस्यों के लिए उपदेश देना उचित नहीं है.
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पहलगाम हमले को लेकर कड़ी चेतावनी22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर भी भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी. पार्वथानेनी हरीश ने कहा,
सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर, अच्छे पड़ोसी और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करने वाले देशों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी. 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे.
इसके बाद 25 अप्रैल को एक बयान में सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस हमले की साजिश में शामिल अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की बात कही.
इसी आधार पर भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की. भारत को प्राथमिक उद्देश्यों की प्राप्ति हुई और इसके बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर सैन्य गतिविधियां रोक दी गईं.
उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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