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15 अगस्त के लिए ऐड बनाया, पर लॉजिक को बेच खाया

नया ऐड आया है. आज़ादी दिवस के मौके पर स्पेशल ऐड.

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पेटीएम का ऐड
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केतन बुकरैत
11 अगस्त 2016 (Updated: 11 अगस्त 2016, 01:55 PM IST) कॉमेंट्स
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आदमी एक दफ़्तर में अफ़सर के सामने बैठा है. नर्वस है. लगता है, फाइल आगे नहीं बढ़ रही. अफ़सर के सामने एक गट्ठर बढ़ाता है. लगता है नोटों का है. काग़ज़ में लिपटा हुआ. अफ़सर ने खोला. और चिल्लाया, "इतना कम?" मालूम चला वड़ा-पाव है. अफ़सर उसका दोस्त था. घर से उसके लिए बनवा के लाया था. ट्रैफिक पुलिस वाला खांस रहा है. धुएं से. एक लड़के को डांट भी रहा है. साथ ही खांस भी रहा है. दूसरा लड़का आता है. पुलिस वाले को कोने में ले जाता है. उससे हाथ मिलाता है. हाथ में चुपचाप कुछ पकड़ा देता है. लगता है, रिश्वत दे रहा है. लेकिन हाथ में मिलता है एक मास्क. धुएं से बचने वाला. पुलिस वाला पहन लेता है. स्कूल की प्रिंसिपल बैठी है. सामने बैठे हैं बेबस पेरेंट्स. लगता है बच्चे का एडमीशन करवाने आये हैं. प्रिंसिपल उनसे डोनेशन मांगती है. बाप एक डब्बा बढ़ा देता है. लगता है उसमें पैसे भरे हुए हैं. प्रिंसिपल डब्बा खोलते ही खुश हो जाती है. उसमें बच्चों के लिए किताबें थीं. जो उन पेरेंट्स ने डोनेट की थीं. वॉइसओवर कहता है - "ये पॉसिबल है कि इंडिया को करप्शन से फ्रीडम मिल जाएगी. क्यूंकि जब कैश नहीं होगा, तो करप्शन ही नहीं होगा." ऐड है पेटीएम का. वो ऐप जो फ़ोन में रहती है और पेटीएम टू पेटीएम पैसा ट्रांसफर करती है. मेसेज के तौर पर बहुत अच्छा है. एक नम्बर. चाटू कवि की भाषा में कहें तो 'सराहनीय'. करप्शन कम हो. बहुत ज़रूरी है. कम क्या, खतम ही करो इसको तो. दोस्त को वड़ा-पाव खिलाओ. पुलिस वाले को मास्क गिफ्ट दो. स्कूल को किताबें दो. बहुत अच्छा है. लेकिन हमको ज़रा एक बात बताओ. करप्शन क्या पेटीएम से ख़त्म होगा? कैसे? हो ही नहीं सकता. सबसे पहली बात, करेंसी को ख़तम करना बहुत मुश्किल है. नामुमकिन नहीं, लेकिन बहुत-बहुत मुश्किल. दूसरी बात - करप्शन से आप समझते क्या हैं? मतलब, पैसे देकर किसी काम को करवाने को ही करप्शन कहेंगे क्या? फिर उन मंत्रियों का क्या, जो अपने इन्फ्लुएंस से अपने काम निकलवा लेते हैं. बिना पैसे दिए. उसे आप क्या कहेंगे? उस करप्शन को पेटीएम कैसे रोकेगा? और एक बात बताऊं? पैसे देकर काम करवाए जाने से ज़्यादा अपने भौकाल के दम पर काम करवाने वाला करप्शन बहुत ज़्यादा है. तीसरी बात - पैसा ही तो ट्रांसफर करना है न? मान लो करेंसी गायब हो गयी. अब मैं अपने पेटीएम से उसके पेटीएम में पैसे ट्रांसफर कर काम निकलवा लूं तो? फिर क्या? दरअसल ये कुछ नहीं है. किसी भी मॉरल स्टैंड को लेकर अपने ब्रांड को फ़ैलाने और उसकी इमेज को चमकाने की एक रणनीति है. फर्जी की नैतिकता फ़ैलाने की कोशिश है. नैतिकता फैलाइए. बिलकुल फैलाइए. स्वागत है. लेकिन आपके शब्दों में लॉजिक होना मांगता है. नहीं होगा, तो मन खीझ जायेगा. ऐसा लगेगा कि ये तो फर्जी मामला है. ऐसे में होता ये है कि मामला फर्जी लगने पर उसके पीछे का जो मकसद होता है, वो भी फर्जी लगने लगता है. फिर मूड नहीं बनता. फिर हम हलके में लेने लगते हैं. ऐसे में करप्शन कैसे कम होगा? हलके में लेने से हुआ है आज तक कुछ भला? ये तो वही बात हो गई कि कुछ ले-दे के करप्शन खत्म नहीं हो सकता क्या! https://www.youtube.com/watch?v=XxxXje3seyM

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