कन्हैया कुमार, अब नीतीश-अखिलेश को चिट्ठी नहीं लिखोगे?
ये राजनीति की खामोशी है. जो किसी जाति की हमदर्दी के लिए नहीं टूटती.
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कन्हैया कुमार. Picture- Reuters
नीतीश कुमार अब क्यों नहीं बोलते. गुजरात में हुए दलित उत्पीड़न पर तो बीजेपी को नसीहत दे रहे थे. उनके सुशासन में पुलिस स्टूडेंट्स पर लाठियां बरसा रही है. दलितों पर हमले हो रहे हैं. रेप के केस सामने आ रहे हैं. बीते एक महीने में दलितों को पेशाब पिलाये जाने और रेप के बाद मर्डर के केस दर्ज हुए. लेकिन फिर भी खामोशी है. बिहार तुम्हारा वतन है इसलिए वहां की बात करना सही होगा. वहां के तो आप मालिक. वहां किसके सिर ठीकरा फोड़ेंगे.और हां, वो कन्हैया कुमार कहां हैं. वही जेएनयू वाले. सुना था बड़े क्रांतिकारी हैं. उनका वो तेवर अब कहां हैं. क्या अब वो नीतीश कुमार और अखिलेश यादव को चिट्ठी नहीं लिखेंगे. यूपी और बिहार में दलितों पर जुल्म हो रहा है. कन्हैया कुमार लिखो न एक चिट्ठी नीतीश कुमार और अखिलेश यादव को. तुमने तो स्मृति ईरानी को मां कहते हुए रोहित वेमुला के लिए खत लिखा था और एक दोस्त के सवाल के बहाने स्मृति ईरानी से पूछा था, 'जहां अपनी माता के अलावा, हमारे पास गौ माता, भारत माता, गंगा माता और मां स्मृति हैं. रोहित वेमुला कैसे मर सकता है.' आज तुम्हारे खत और तुम्हारे सवाल कहां हैं. या यहां तुम्हारी दाल नहीं गलेगी हीरो बनने के लिए. दलितों की हमदर्द बसपा सुप्रीमो मायावती की खामोशी गले नहीं उतर रही. अगर गुजरात में भाजपा और आरएसएस से फुर्सत मिले, तो बिहार भी हो आइए. जो पटना में पिटे हैं, वो भी रोहित वेमुला की तरह दलित स्टूडेंट ही हैं. यूपी में विपक्ष में हो, कानपुर की चौकी में दलित का मर्डर हो गया. मगर आप गुजरात के लिए फिक्रमंद हैं. एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) की रिपोर्ट के मुताबिक दलित उत्पीड़न के मामले में पहले नंबर पर यूपी है. दूसरे पर राजस्थान और तीसरे पर बिहार है.
गुजरात में दलितों पर हमला हुआ खूब चर्चा हुई. होनी भी चाहिए. लेकिन बिहार और यूपी में खामोशी. दलितों की परवाह करने का दावा करने वाली पूरी की पूरी जमात में सन्नाटा है. ये जमात ऊना में जो दलितों के साथ हुआ, उसको लेकर बड़ी फिक्रमंद थी. अब मुंह क्यों नहीं खुल रहा. ये राजनीति की खामोशी है. जो किसी जाति की हमदर्दी के लिए नहीं टूटती. चाहे वो मुसलमान हों या फिर दलित. ये टूटती है तो सिर्फ वोटों के लिए. राजनीतिक मुनाफे के लिए.