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सनथ जयसूर्या पर मैच फिक्सिंग का शक क्यों गहरा गया है?

आईसीसी ने जयसूर्या को 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है.

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फोटो - thelallantop
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प्रवीण
16 अक्तूबर 2018 (Updated: 16 अक्तूबर 2018, 07:24 AM IST) कॉमेंट्स
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श्रीलंका में क्रिकेट के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं. कभी वर्ल्ड क्रिकेट में दमदार रही ये टीम अब टेस्ट रैंकिंग में 6ठे नंबर पर है, वनडे रैंकिंग्स में 8वें नंबर पर है और नौंवा नंबर इनका टी20 रैंकिंग में है. मगर श्रीलंका की क्रिकेट में एक और मुसीबत आ गई है. मुसीबत इस बार आईसीसी की तरफ से आई है. आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट ने कहा है कि सनथ जयसूर्या उनसे कुछ छिपा रहे हैं और वो करप्शन से जुड़ी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट श्रीलंका की जिम्बाब्वे के खिलाफ 2017 की वनडे सीरीज में मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर ही है. ये जांच पिछले एक साल से चल रही है और अब आईसीसी का कहना है कि जयसूर्या ने न तो पूरी जानकारियां दीं और न ही वो काग़जात दिए जो उनसे मांगे गए थे. साथ ही उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ के साथ साथ सबूत छिपाए भी हैं. अंग्रेजी अखबार डेली मेल ने लिखा है कि जयसूर्या ने जांच के दौरान ये छिपाया है कि उनके पास एक से ज्यादा फोन हैं और जांच अधिकारियों को अपने पास मौजूद कई सिम कार्ड्स होने की बात भी छिपाई है. वो सीरीज जिम्बाब्वे 3-2 से जीत गई थी. शक चौथे वनडे पर था जहां श्रीलंका के 301 रनों के टारगेट के बावजूद जिम्बाब्वे वो मैच जीत गई थी.
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2017 में जिम्बाब्वे ने श्रीलंका को घर में हराया था.

आईसीसी ने जयसूर्या को कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का चार्ज लगाया है और 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है. अब होगा ये कि या तो जयसूर्या अपनी गलती स्वीकार करेंगे या फिर खुद को निर्दोष साबित करेंगे. अगर आईसीसी के सामने दोषी साबित हुए तो वो अपने क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी से 5 साल के लिए किसी भी पद पर बैठने के लिए बैन हो जाएंगे.
मई 2018 में अलजज़ीरा चैनल ने एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी जिसमें श्रीलंका में पिच टेंपरिंग को एक्सपोज किया गया था. इंडिया और श्रीलंका के बीच सीरीज के पहले टेस्ट की गॉल पिच से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था. 2016 में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच से पहले इस पिच से छेड़छाड़ की गई थी. जयसूर्या श्रीलंका में सलेक्शन कमेटी के चेयरमैन रहे हैं और उन्होंने सितंबर 2017 में तब इस्तीफा दे दिया था जब वो चारों तरफ से आलोचनाओं से घिर गए थे. उससे पहले भी वो 2013-2015 के बीच चीफ सलेक्टर रहे थे.
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जयसूर्या पिछले कुछ वक्त से विवादों में हैं.

जब कोई भी क्रिकेट बोर्ड आईसीसी का सदस्य बनता है तो तो ये अनिवार्य शर्त साथ जुड़ती है कि वो किसी भी मौके पर एंटी करप्शन यूनिट की मांग पर बैंक डिटेल्स, फोन रिकॉर्ड और संपत्ति की जानकारी शेयर करेगा. अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो उसे सजा दी जा सकती है. हालांकि आईसीसी की तरफ से ये साफ नहीं हुआ है कि क्या उसे श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच वनडे सीरीज में किसी तरह की फिक्सिंग के सबूत मिले हैं या नहीं. मगर खुद पर लगे इन आईसीसी के इस चार्ज पर जयसूर्या का बयान आया है. जयसूर्या कहा है कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं और गेम से हर जुड़े मुद्दे पर मैं ईमानदारी और ट्रांसपेरेंसी के साथ खड़ा हूं. मैं अपनी ये कमिटमेंट जारी रखूंगा.

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