IAS पूजा खेडकर पर बड़े पुलिस अधिकारी पर 'दबाव' बनाने का आरोप, वो भी चोरी के केस में
Puja Khedkar 2023 बैच की IAS हैं. ख़बरों में हैं, क्योंकि उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने और अनुचित बर्ताव के गंभीर आरोप लगे हैं.

पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोपों के बीच ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर पर एक और आरोप लगा है. खबर के मुताबिक पूजा खेडकर ने कथित रूप से चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार एक व्यक्ति को छोड़ने के लिए बड़े पुलिस अधिकारी पर ‘दबाव बनाने की कोशिश’ की थी. यह मामला महाराष्ट्र के पनवेल पुलिस थाने का बताया जा रहा है. पूजा ने कथित रूप से DCP विविक पनसारे को फोन किया था और उनसे ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवाड़े को छोड़ने के लिए कहा था. हालांकि पुलिस ने उस कॉल को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘विवादास्पद प्रोबेशनरी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने एक डीसीपी रैंक के अधिकारी पर चोरी के आरोपी को रिहा करने का दबाव बनाने की कोशिश की थी’. बताया गया कि पनवेल पुलिस स्टेशन में यह वाकया 18 मई को पेश आया.
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पुलिस के अनुसार, खेडकर ने DCP से स्पष्ट कहा कि उत्तरवाड़े निर्दोष है और उसके खिलाफ आरोप मामूली हैं. पुलिस की मानें तो पूजा खेडकर ने फोन पर खुद को IAS बताया था. हालांकि वो पूजा के कथित दबाव में नहीं आई. दरअसल, उस वक्त DCP पनसारे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि फोन करने वाली महिला वाकई में IAS अधिकारी है या कोई बहरूपिया. इसलिए नवी मुंबई पुलिस ने उस वक्त कॉल पर ध्यान नहीं दिया और उत्तरवाड़े अभी तक न्यायिक हिरासत में है.
इस वाकये के बाद नवी मुंबई पुलिस ने पुणे कलेक्टर कार्यालय और गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क किया. गृह विभाग के अफसर की सलाह पर DCP पनसारे ने कथित फोन कॉल पर दो पन्नों की रिपोर्ट मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को भेजी.
पूजा, 2023 बैच की IAS हैं. वो हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब उन पर ट्रेनिंग के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करने और अनुचित बर्ताव के गंभीर आरोप लगे. उन्होंने अपनी निजी गाड़ी (ऑडी) पर सायरन, VIP नंबर प्लेट और ‘महाराष्ट्र सरकार’ का स्टिकर लगाया. इन चीज़ों के चलते पूजा चर्चा में आई थीं. बाद में तो यहां तक ख़बर आई कि उन्होंने मुंबई में अपने सीनियर का चेंबर क़ब्ज़ा लिया था. वहां अपने नाम का बोर्ड चस्पा कर दिया था. दफ़्तर का फ़र्नीचर हटा दिया और लेटरहेड मांगने लगीं.
जूनियर या प्रोबेशनरी IAS अफ़सरों को ऐसी सुविधा नहीं मिलती. मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि उनके पिता - जो एक रिटायर्ड IAS अधिकारी थे - उन्होंने कथित तौर पर उनकी मांग के लिए सोर्स लगाया था. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी गई और ट्रेनी IAS का तबादला वाशिम कर दिया गया है.
पुणे कलेक्टर कार्यालय में पूजा खेडकर के आचरण के अलावा ऐसे भी आरोप हैं कि खेडकर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में पद हासिल करने के लिए OBC सर्टिफिकेट का दुरुपयोग किया. इस बीच केंद्र ने गुरुवार को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की पुष्टि के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया. केंद्र ने कहा कि इस मामले की जांच अतिरिक्त सचिव रैंक के अधिकारी करेंगे. वह खेडकर की उम्मीदवारी और अन्य जानकारी की जांच करेंगे.
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