26 अगस्त 2016 (Updated: 26 अगस्त 2016, 11:58 AM IST) कॉमेंट्स
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पंजाब में अगले साल चुनाव होने हैं. AAP ने कैंडीडेट्स की दो लिस्ट जारी कीं. दोनों में सुच्चा सिंह छोटेपुर का नाम नदारद था. आज यानी शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातों का बम फोड़ दिया. आम आदमी पार्टी और इसके सीनियर नेताओं पर कस कसकर आरोप लगाए हैं. पढ़ो, खास क्या-क्या बोले.
1. मैंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की. और इसको जीरो से यहां तक लेकर आया. मेरा खून पसीना लगा है इसमें. मैं क्यों छोड़ूंगा पार्टी?2. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. वो मेरे खिलाफ CBI जांच कराएं. मैं ईमानदार हूं पूरी तरह.3. ये क्या हो रहा है? AAP मुझे फंसा रही है. और मेरे विरोधी मेरा बचाव कर रहे हैं. मेरे अपने लोगों ने मेरे खिलाफ साजिश की है.4. मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम नहीं जासूस हैं. उनका लेवल एक जासूस का है. अगर डिप्टी सीएम किसी की रिकॉर्डिंग करता है, अपने संयोजक की करता है. तो मैं समझता हूं कि ये बहुत बदकिस्मती की बात है.
अब सुनो इससे पहले हुआ क्या है. पंजाब के संयोजक हैं सुच्चा सिंह. उनको पार्टी से निकालने की तैयारी हो रही है. कुछ दिन पहले एक स्टिंग सामने आया था. जिसके बाद कहा गया कि ये पैसा लेते हैं, टिकट बेचते हैं. इसके सामने आने के बाद पंजाब यूनिट ने इनको पार्टी से निकालने की सिफारिश की. ये एपॉइंटमेंट लेने में लगे थे केजरीवाल से मिलने की. लेकिन मुलाकात न हो पाई. आज का दिन मुकर्रर किया गया था प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए. ये भी हो गई.
सुच्चा सिंह की नाराजगी आज की नहीं है. घाव पुराने हैं.
पिछले साल भी साइडलाइन किए गए थे छोटेपुर
जुलाई 2015 में लौटते हैं. तब छोटेपुर पंजाब के बीते 9 महीनों से संयोजक थे. लेकिन एक रोज इस पद से उन्हें छुट्टी दे दी जाती है. कहा जाता है कि बीते 9 महीनों में उनने एक भी एक्जीक्यूटिव मीटिंग्स नहीं कीं. इसके अलावा छोटेपुर पार्टी को उस तरह से एकजुट नहीं कर पाए, जैसा कि पार्टी आलाकमान को उनसे उम्मीद थी.
दूजा जब नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी में आने की बातें उछलीं. तब एक बयान छोटेपुर का भी सुनाई पड़ा. उनने कहा, सिद्धू एक मामले में सजा पा चुके हैं, उन्हें टिकट नहीं मिल सकता. हालांकि बाद में वो अपने बयान से पलटी मार गए. पंजाब में AAP के एक बड़े लीडर का यूं पलटी मारना कई कान खड़े कर गया.
पंजाब पॉलिटिक्स में छोटेपुर की हैसियत
दो बार निर्दलीय MLA रह चुके हैं, धारीवाल, गुरदासपुर से 2002 में चुने गए थे. इससे बड़ी बात ये कि AAP के विरोधी अकाली दल में भी रह चुके हैं छोटेपुर. एक वक्त में कैप्टन अमरिंदर सिंह के भी साथ थे. वो दौर था, 1985 के आस-पास वाला. सुरजीत सिंह बरनाला पंजाब के मुख्यमंत्री थे. तब सुच्चा सिंह छोटेपुर पंजाब सरकार में 1985-88 में हेल्थ और टूरिज्म मिनिस्टर बनाए गए थे. 2014 में गुरदासपुर से AAP के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे बीजेपी के विनोद खन्ना से.