पढ़ाई करने अमेरिका गई थी हैदराबाद की महिला, सड़क पर भूख से तड़पती मिली
वीडियो कॉल पर अपने माता-पिता को नहीं पहचान पाई महिला. मां ने की विदेश मंत्रालय से उसे वापस लाने की अपील.

हैदराबाद (Hyderabad) की रहने वाली एक महिला अमेरिका में मास्टर्स की पढ़ाई करने गई थी. तीन साल बाद वहां के शिकागो (Chicago) शहर से उसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो बेघर और लाचार दिख रही है. किसी गली में भूखी-प्यासी बैठी है और खाना मांग रही है. कह रही है कि वो कमजोर हो गई है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
महिला का नाम सैयदा लुलु मिन्हाज जैदी (Syeda Lulu Minhaj Zaidi) है. उनकी मां सैयदा वहाज फातिमा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को चिट्ठी लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने और उनकी बेटी को भारत वापस लाने का अनुरोध किया है.
सैयदा वहाज फातिमा ने चिट्ठी में लिखा,
तेलंगाना के मौला अली की रहने वाली मेरी बेटी अगस्त 2021 में अमेरिका में डेट्रॉयट की TRINE यूनिवर्सिटी से इन्फॉर्मेशन साइंस में मास्टर्स की पढ़ाई करने गई थी. वो लगातार मेरे साथ संपर्क में थी लेकिन पिछले दो महीने से उसकी कोई खबर नहीं है. हैदराबाद के दो युवकों से पता चला कि मेरी बेटी डिप्रेशन में है और उसका सारा सामान भी चोरी हो गया है. उसे किसी ने शिकागो में देखा है. मैं अनुरोध करती हूं कि मेरी बेटी को जितना जल्दी हो सके भारत सुरक्षित वापस लाया जाए.
भारत राष्ट्र समिति के नेता खलीकुर रहमान ने चिट्ठी और बाकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की. साथ में विदेश मंत्रालय, विदेश मंत्री, USA में भारतीय एंबेसी और हेल्पलाइन को टैग किया.
वीडियो में एक शख्स मिन्हाज से उसका नाम पूछ रहा है और उसकी मदद का भरोसा देते हुए उसके लिए भोजन की व्यवस्था करने का वादा कर रहा है. मिन्हाज उससे कह रही है अगर हो सके तो उसके लिए पालक और दही ले आए. वो मिन्हाज को भारत लौटने की सलाह भी दे रहा है.
मां को नहीं पहचान सकीं!सोशल एक्टिविस्ट और हैदराबाद के ‘मजलिस बचाओ तहरीक’ के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लुलु मिन्हाज वीडियो कॉल के दौरान अपनी मां को भी नहीं पहचान सकीं. उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी कि मिन्हाज के साथ क्या हुआ या वो डेट्रॉयट से शिकागो कैसे पहुंचीं.
उन्होंने बताया कि अगर मिन्हाज स्थिर है और यात्रा कर सकती है तो वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने उसे एक नर्स के साथ हैदराबाद वापस भेजने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि वो मिन्हाज के माता-पिता को अमेरिका भेजने के लिए मना रहे हैं लेकिन वो गरीब हैं और उनके पास पासपोर्ट भी नहीं है. पासपोर्ट और वीजा में मदद के लिए राज्य सरकार से भी संपर्क किया गया है.
विदेश मंत्रालय के MADAD ट्विटर हैंडल की तरफ से जानकारी दी गई कि उसके पोर्टल पर एक मामला दर्ज किया गया है और कार्रवाई के लिए संबंधित मिशन या पोस्ट को भेज दिया गया है.
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