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CM भगवंत मान के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, कई घायल

पंजाब के संगरूर में 8 मजदूर संगठन प्रदर्शन करने पहुंचे थे

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Punjab Sangroor Protest
संगरूर में मजदूरों का प्रदर्शन (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट)
30 नवंबर 2022 (Updated: 30 नवंबर 2022, 18:56 IST)
Updated: 30 नवंबर 2022 18:56 IST
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पंजाब के संगरूर (Sangroor) में अपनी कई मांगों को लेकर हजारों की संख्या में मजदूरों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के घर के बाहर प्रदर्शन किया. कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें पंजाब पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करती दिखाई दे रही है. लाठीचार्ज में कई मजदूरों के घायल होने की भी खबर है. आजतक के मुताबिक बुधवार, 30 नवंबर को सांझा मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में 8 मजदूर संगठन सीएम के घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर कृषि मजदूर हैं. पहले सभी मजदूर पटियाला बाईपास पर इकट्ठा हुए. उसके बाद सीएम आवास की तरफ बढ़. प्रदर्शन को देखते हुए सीएम आवास के पास पहले से ही भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था. पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, इसी दौरान झड़प हुई. इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया. इसके बावजूद मजदूर मुख्यमंत्री के इलाके की कॉलोनी के गेट पर बैठे हैं.

क्या है मजदूरों की मांगें?

मजदूरों की मांगें हैं कि मनरेगा के तहत न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 700 रुपये किया जाए. दलितों को 5 मरला जमीन आवंटित की जाए. पंचायती जमीन में से तीसरा हिस्सा मजदूरों को खेती करने के लिए दिया जाए. इसके अलावा मनरेगा में रोजगार पक्का करने की भी मांग है. मजदूर संगठनों का कहना है कि इनमें से कई मांगों को लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया, इसके बावजूद उन्हें लागू नहीं किया गया.

जमीन प्राप्ति संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुकेश मालौद ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले हमसे मिलने का वादा किया था, लेकिन बाद में मना कर दिया. इसलिए अपनी मांगों को मनवाने के लिए वो प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए हैं.

संगरूर के SSP क्या बोले?

लाठीचार्ज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. हालांकि संगरूर के SSP सुरिंदर लांबा ने सफाई देते हुए कहा कि लाठीचार्ज नहीं किया गया. लांबा ने कहा कि विरोध शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के एक आक्रामक गुट ने हाथापाई की थी, जिसे बाद में पुलिस ने नियंत्रित किया. SSP के मुताबिक, उन्होंने मजदूरों की मांगों का संज्ञान लिया है.

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