अक्षय तृतीया पर फिजिकल गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ कहां लगाएं पैसा ?
फिजिकल गोल्ड खरीदने में चुकाना पड़ेगा 3 प्रतिशत जीएसटी.
गरीब बुधिया की बेटी की शादी हो या सेठ किरोड़ीमल की... सदियों से सोना हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) जैसे शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा और भी बढ़ जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदने से समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस साल अक्षय तृतीया 3 मई को है. इस खास मौके पर आपके पास सोना खरीदने के कई विकल्प मौजूद हैं. आप फिजिकल फार्म यानी सोने के सिक्के और गहने आदि के जरिये सोना खरीद सकते हैं जबकि डिजिटल फार्म में आप सोने में घर बैठे ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। हालांकि, समय के साथ सोना खरीदने के तरीके भी बदल रहे हैं. अब निवेशक फिजिकल गोल्ड के साथ गोल्ड ईटीएफ को भी पसंद कर रहे हैं.
फिजिकल गोल्ड खरीदने पर चुकाना होगा 3 परसेंट जीएसटीफिजिकल फार्म में आप सोने के सिक्के या गहने खरीद सकते हैं लेकिन सोना खरीदने का अब यह स्मार्ट तरीका नहीं रहा. मार्केट एक्सपर्ट भी फिजिकल फार्म की जगह गोल्ड ईटीएफ यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेटेड फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटीज एवं करेंसी विभाग के रिसर्च हेड नवनीत दमानी ने 'दी लल्लनटॉप' को बताया कि फिजिकल गोल्ड खरीदने में 3 परसेंट GST चुकाना पड़ता है. इसके अलावा देशभर के अलग अलग शहरों में कीमतों में भी काफी अंतर देखने को मिलता है.
गोल्ड ईटीएफ के जरिये सोने में निवेश है अक्लमंदी का कामफिजिकल गोल्ड को लेकर एक और बड़ी समस्या आती है कि उसे सुरक्षित रखना. अगर आप लॉकर में रखेंगे तो आपको कुछ चार्ज बैंकों को चुकाने होंगे. अगर आपने घर में सोना रखा तो चोरी का खतरा हमेशा बना रहता है. जबकि गोल्ड ईटीएफ में यह सब झंझटबाजी नहीं है. इसलिए निवेश के हिसाब से गोल्ड ईटीफ बढ़िया विकल्प है. गोल्ड ईटीएफ में सावरेन गोल्ड बॉन्ड की तरह लॉक इन पीरियड का भी लफड़ा नही हैं. यानी जब मन करें अपना सोना ऑनलाइन बेच सकते हैं.
गोल्ड ईटीएफ में निवेश से वेल्थ टैक्स की बचतगोल्ड ईटीएफ का कारोबार शेयरों की तरह शेयर बाजारों में किया जाता है. साथ ही गोल्ड ईटीएफ की कीमत पूरे भारत में एक समान रहती हैं. जब कोई गहनों के रूप में फिजिकल गोल्ड खरीद रहा हो, तो उसे मेकिंग चार्ज फालतू में देना पड़ता है. गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स पर वेल्थ टैक्स भी नहीं लगता है. गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के लिए निवेश का अच्छा रास्ता है क्योंकि इसमें कोई एक्जिट लोड नहीं होता है. गोल्ड ईटीएफ यूनिट का स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार होता है, इसलिए जब भी शेयर बाजार खुला है आप इसे खरीद या बेच सकते हैं. हालांकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए एक डीमैट खाता होना जरूरी है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्पफिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ के अलावा सरकारी गोल्ड बॉन्ड में भी निवेश करने का विकल्प है। यदि आप सरकारी गोल्ड बॉन्ड लेना चाहते हैं, तो आप बैंकों की ब्रांच के माध्यम इसमें निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा, ये बॉन्ड स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुनिंदा डाकघरों, NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)के माध्यम से या तो सीधे या एजेंट्स के माध्यम से खरीद सकते हैं.
समय- समय पर रिजर्व बैंक की तरफ से गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं. खास बात यह है कि कई बार बाजार में बिकने वाले सोने के मुकाबले सरकारी गोल्ड बॉन्ड के दाम कम रहते हैं. इसके साथ ही इसमें निवेश करने पर ग्राहकों को 2.5 फीसदी ब्याज का भी लाभ मिलता है. इसकी मैच्योरिटी अवधि आठ साल है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे पांच साल बाद भी बेच सकते हैं.
वीडियो : क्या यह गोल्ड में पैसा लगाने का सही समय है?