NPR के लिए कोई कागज दिखाने की जरूरत नहीं: अमित शाह
गृहमंत्री ने कहा- दंगाइयों को पाताल से भी खोज कर ले आएंगे.
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12 मार्च को दिल्ली दंगे को लेकर राज्यसभा में बहस हुई. कपिल सिब्बल समेत कई विपक्षी नेताओं ने दिल्ली दंगों को लेकर मोदी सरकार को घेरा. बाद में गृह मंत्री अमित शाह ने सवालों का जवाब देते हुए कहा-
दंगों में जो लोग जिम्मेदार हैं, वो किसी भी जाति-मजहब के हों, किसी भी पार्टी के हों, उनको बख्शा नहीं जाएगा. जो भी दोषी होगा उसको एक वैज्ञानिक जांच के आधार पर अदालत के सामने खड़ा किया जाएगा. अब तक 2647 लोगों को हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है. जनता ने वीडियो फुटेज और जानकारी दी. इससे मदद मिली है और डिटेल इन्वेस्टिगेशन किया जा रहा है.दिल्ली पुलिस पर उठ रहे सवालों को लेकर अमित शाह ने कहा-
आरोप लग रहे हैं कि दिल्ली दंगे के दौरान दिल्ली पुलिस ने अपना काम नहीं किया. मैं कहता हूं कि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं, देश का गृह मंत्री हूं. मुझ पर जितने भी सवाल उठाने हैं, उठाइए, लेकिन दिल्ली पुलिस पर सवाल मत उठाइए. पुलिस ने दंगों पर काबू पाया. 13 फीसद आबादी से बाहर नहीं फैलने दिया. यह दिल्ली पुलिस की सफलता है. इस तरह के बयानों से उनका मनोबल नीचे गिरता है.दंगा करने वालों को पाताल से भी खोज कर लाएंगे: शाह
हिंसा से ठीक पहले 22 फरवरी को कुछ सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए. 26 फरवरी को बंद कर दिए. वे लोग भी कहीं बैठे होंगे और मेरी बात सुन रहे होंगे. अगर उन्हें लगता है कि वे बच जाएंगे तो मैं साफ कर दूं कि उन्हें पाताल से भी खोज कर लाएंगे. अंकित शर्मा पर जिसने चाकू चलाया उसे भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.NPR को लेकर अमित शाह ने कहा-
NPR की बात करें तो उसमें सूचना देने का प्रोविजनल ऑप्शन है. NPR में कोई भी कागजात नहीं मांगा जाएगा. मैं स्पष्टता के साथ कहता हूं कि NPR में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा. देश में किसी को भी NPR से डरने की जरूरत नहीं है.न्यूज़ एजेंसी PTI का ट्वीट देखिए.
CAA को लेकर उन्होंने कहा-No document will be sought for updating National Population Register; giving some information is optional: Amit Shah in RS
— Press Trust of India (@PTI_News) March 12, 2020
बहुत दु:ख के साथ कहना चाहता हूं कि देश में CAA को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक डर बैठाया गया कि आपकी नागरिकता CAA से छीन ली जाएगी. ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं. CAA से किसी की नागरिकता नहीं ली जा सकती क्योंकि यह नागरिकता देने का कानून है. मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि CAA किसी की नागरिकता लेने का कानून नहीं है बल्कि नागरिकता देने का कानून है.जस्टिस मुरलीधर को लेकर कहा-
सरकार सिर्फ तबादले का आदेश जारी करती है. सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की जाती हैं. तो, इसे किसी विशेष मामले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. यह एक रूटीन ट्रांसफर था. इसे लेकर 12 फरवरी को ही सिफारिश आ गई थी. आदेश बाद में जारी किया गया.न्यूज़ एजेंसी ANI का ट्वीट देखिए.
Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha on transfer of Justice S Muralidhar: Govt only issues the order of transfer. Recommendations are made by Collegium. So, this should not be linked to any particular case. It was a routine transfer. The consent of the judge is on record pic.twitter.com/aFEISsjrpV
— ANI (@ANI) March 12, 2020
वीडियो- दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में बोले ओवैसी, अंकित और फैज़ान की हत्या में अंतर नहीं कर सकते