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होली 7 मार्च को या 8 मार्च को? सोशल मीडिया पर लोगों ने हल्ला काट दिया है, मीम देखिए!

7 तारीख़ को है या 8 को? होलिका कब जलेगी?

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holi kab hai memes
शोले फ़िल्म के गब्बर का सवाल 47 साल बाद फिर आ गया है.
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सोम शेखर
6 मार्च 2023 (Updated: 6 मार्च 2023, 05:20 PM IST) कॉमेंट्स
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होली आ रही है, लेकिन सोशल मीडिया के शास्त्रार्थ से एक गंभीर सवाल उभरा है. होली कब है? कब है होली? होली है कब? कब होली है? एक स्कूल ऑफ़ होली थॉट कह रहा है कि 8 को है. दूसरा कह रहा, 7 को है. 8 की जिरह करने वालों की संख्या ज़्यादा है. 7 वाले कम है, लेकिन वो भी अपनी व्यक्तिगत गरिमा के लिए अडिग हैं.

ये शास्त्रार्थ शुरू हुआ एक ट्वीट से. ऐक्टर विक्रांत मैसी का ट्वीट. विक्रांत के चंचल मन में सवाल कौंधा. उन्होंने ट्वीट कर दिया -

"महाराष्ट्र में होली पूरे देश से एक दिन पहले क्यों मनाई जा रही है? होली तो 8 मार्च को है न?"

बस मीमवीरों को मिल गया मौक़ा. उन्होंने धकाधक मीम बनाने शुरू कर दिए. पहले तो प्यारे गब्बर का ही मीम निकला.

विंदू दारा सिंह ने भी गब्बर को याद किया.

एक यूज़र ने गब्बर के सहयोगी साम्भा की चिंताओं पर भी प्रकाश डाला. जिसका ताल्लुक़ हमारे दफ़्तर के कई साथियों के निजी जीवन से भी है.

एक यूज़र को तारक मेहता की भी याद आई.

सुप्रिया नाथ नाम के यूज़र ने 7 और 8 वाली गुत्थी में एक सिरा और जोड़ दिया. बताया कि बंगाल में भी 7 को ही होली मनाई जाएगी.

इसके बाद कुछ एक संजीदा लोग आए. जिन्होंने कारण भी बताया. रेवती गोखले नाम की यूज़र ने बताया,

“मराठी पंचांग के मुताबिक़, पूर्णिमा की रात 6 तारीख़ की शाम से शुरू होकर 7 मार्च तक चलेगी. इसे 'फाल्गुनी पूर्णिमा' कहा जाता है. धूलिवंदन, जिसे आमतौर पर होली के नाम से जाना जाता है, इसी दिन मनाया जाता है. और इसीलिए, हम 7 तारीख़ को होली मनाएंगे.”

पहले होली में फगुआ गाया जाता था. गुजिया-माल पुआ टाइप पकवान बनते थे. हर साल होली के गाने बदल जाते थे. एक दूसरे पर अलग-अलग विधाओं से रंग फेंकने की पुरानी रवायत तो है ही. ये सब अब भी होता है. कुछ बदला नही है; बस सूचना क्रांति के बाद कुछ चीज़ें बढ़ गईं. जैसे, मेमे. या अंग्रेज़ी सुधारवादियों के लहजे में कहें, मीम्स. होली की तारीख़ की गुत्थी में मीमवीरों का बड़ा योगदान है. सुलझाने में कोई योगदान नहीं है, हास्य रस का योगदान है. 

बाक़ी होली आपके यहां होली जब हो, मनाइए. जैसा आस-पास वाले सुधिजन कहें, करिए. अपना और अपनो का भरसक ख़याल रखते हुए भरसक मौज काटिए.

वीडियो: होली से पहले रद्द होती ट्रेनों की असली वजह पता चली, भारतीय रेल की क्या है तैयारी?

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