The Lallantop
Advertisement

BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में क्या हंगामा बरपा है? कुलपति आवास के सामने अनशन कर रहे हृदय विभाग के अध्यक्ष

धरने पर बैठे डॉ. ओमशंकर ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके गुप्ता पर पर्याप्त बेड न देने, अपने सीनियर के लिखित आदेश न मानने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

Advertisement
BHU hunger strike
11 मई से धरना चल रहा है. (फ़ोटो - विशेष प्रबंध)
font-size
Small
Medium
Large
15 मई 2024
Updated: 15 मई 2024 19:11 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के एक प्रोफ़ेसर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. मुद्दा ये, कि BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल के हृदय रोग विभाग में पर्याप्त बेड नहीं हैं और हृदय रोगियों को लौटाना पड़ जा रहा है.

धरने पर बैठने वाले प्रोफ़ेसर डॉ ओमशंकर, विश्वविद्यालय हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष हैं. उनके मुताबिक़, जिस हिसाब से दिल के मरीज बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से अस्पताल में बेड नहीं दिए जा रहे हैं. इस वजह से गंभीर मरीजों को भी वापस लौटाना पड़ रहा है. इनमें से कथित तौर पर कई मरीज़ों की मौत हो चुकी है.

ये भी पढ़ें - JNU में धरना देने पर अब 20 हजार का जुर्माना, दूसरी सजा तो और भयंकर है!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आने वाले, उन्हीं की सरकार से AIIMS का दर्जा पाने वाले सर सुंदरलाल अस्पताल में केवल उत्तर प्रदेश के नहीं, बिहार, मध्यप्रदेश और आसपास के सब राज्यों के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. स्थानीय मीडिया रपटों के मुताबिक़, BHU में नए-नए बने सुपर स्पेशियलिटी भवन में हृदय रोग विभाग के लिए आवंटित वॉर्ड पर ताला बंद है और इसके चलते पिछले दो सालों में लगभग ‘35 हज़ार’ मरीज़ों का बेड रहते हुए भी इलाज ‘नहीं’ हो पाया.

ताला क्यों बंद है?

प्रोफेसर ओमशंकर ने इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. पत्र के मुताबिक़, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके गुप्ता ने जबरन इस फ़ेसिलिटी को ‘बंद’ कर रखा है. आरोप तो ये भी लगाए कि केके गुप्ता ‘भ्रष्टाचारी’ हैं और इंस्टीट्यूट ऑफ़ एमिनेंस के नाम पर मिले रुपयों का ‘दुरुप्रयोग’ कर रहे हैं. मनमाने तरीके से अस्पताल चला रहे हैं.

कार्डियोलॉजी (हृदय रोग) के विभागाध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं. उनका दावा है कि पिछले दो सालों में उन्होंने कुलपति को 'दर्जनों' पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इससे पहले, बीती 8 मार्च को वो आमरण अनशन पर बैठने वाले थे, मगर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. शंखवार ने उन्हें आश्वस्त किया था कि ताला तत्काल खुलेगा और उनके विभाग को बेड दिए जाएंगे. हालांकि, ताला अभी तक नहीं खोला गया है. इस बात को दो महीने बीत गए हैं और शनिवार, 11 मई को प्रो. ओमशंकर कुलपति आवास के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए.

ये भी पढ़ें - IIT BHU गैंगरेप आरोपियों की गिरफ्तारी में कैसे लग गए 60 दिन?

अनशन पर बैठने वाले प्रो ओमशंकर कह रहे हैं कि उन्हें नोटिसों से डराया जा रहा है. मगर वो डरेंगे नहीं, क्योंकि उनका विरोध ज़रूरत-मंदों के हक़ में है. 

केके गुप्ता तीन सालों से चिकित्सा अधीक्षक के पद पर हैं. उनके ऊपर अनियमितताओं के और भी गंभीर आरोप हैं. एक पुराने केस में जांच कमेटी ने उन पर अनुशासनिक कार्रवाई की सिफ़ारिश की थी. इस मामले में उनका वर्ज़न जानने के लिए दी लल्लनटॉप ने उनसे बात करने की कोशिश की. मगर दो पूरी घंटियों के बावजूद उन्होंने फ़ोन उठाया नहीं. आरोपों को लेकर उनके जवाब आने पर इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूजरूम: पं साजन मिश्र ने सुनाए 250 साल पुराने बनारस घराने के ऐतिहासिक किस्से

thumbnail

Advertisement

Advertisement