कश्मीर घाटी में हिंदू कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम
इस साल जनवरी से लेकर अब तक कश्मीर में कम से कम 16 टार्गेटेड हत्याएं हुई हैं. बुधवार को इस मुद्दे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक अहम बैठक की.

कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं के मद्देनजर जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने अहम फैसला लिया है. उसने कहा है कि कश्मीर के सभी हिंदू कर्मचारियों को जिला मुख्यालय में ट्रांसफर किया जाएगा. प्रशासन ने कहा है कि घाटी के दूर-दराज के इलाकों में काम कर रहे हिंदुओं को कश्मीर के विभिन्न जिला मुख्यालयों में लाया जाएगा.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले को लेकर बुधवार एक जून को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में श्रीनगर में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें घाटी में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर विस्तृत चर्चा की गई.
मीटिंग में पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूदा रहे, जिसमें कश्मीर में रह रहे हिंदुओं को लेकर बड़ी फैसला लिया गया है. अधिकारियों ने कहा है कि सरकार हिंदू कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से हिंदू सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास भी मुहैया कराया जाएगा, जहां सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होगी. बैठक में ये भी फैसला लिया गया है कि उपराज्यपाल सचिवालय के नोडल ऑफिसर्स हिंदू सरकारी कर्मचारियों की अन्य समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे.
मालूम हो कि पिछले कुछ महीने से कश्मीर में हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों की सिलसिलेवार और सुनियोजित तरीके से हत्या की जा रही है. कई आतंकी संगठनों पर ये हमले करने के आरोप लगे हैं. इसी कड़ी में हालिया मामला कुलगाम जिले के गोपालपोरा इलाके का है, जहां आतंकियों ने रजनी बाला नाम की एक महिला की हत्या कर दी. रजनी बाला पेशे से टीचर थीं. वो जम्मू के सांबा की रहने वाली थीं. बीते मंगलवार, 31 मई को स्कूल में घुसकर उनको गोली मार दी गई.
वहीं इससे पहले बीती 12 मई को बडगाम जिले में आतंकवादियों ने राजस्व विभाग के कर्मचारी राहुल भट की हत्या कर दी थी. पिछले हफ्ते, बडगाम के चदूरा इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने टीवी कलाकार अमरीन भट पर गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं 24 मई को कुलगाम में ही आतंकियों ने एक ग्रेनेड अटैक किया था, जिसमें करीब 15 लोग घायल हो गए थे.
मई महीने के दौरान कश्मीर में ये सातवीं इस तरह की हत्या है, जिसमें तीन पुलिसकर्मी और तीन नागरिकों की मौत हुई है. इन पीड़ितों में एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी (राहुल भट), एक कलाकार और एक शराब की दुकान के सेल्समैन शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल घाटी में जनवरी से लेकर अब तक कम से कम 16 लोगों की टार्गेटेड (निशाना बनाकर) हत्या हुई है. इनमें पुलिस अधिकारी, टीचर और सरपंच शामिल हैं. इन मामलों को लेकर कश्मीरी पंडित लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
वीडियो: कश्मीर में हिंदू टीचर की स्कूल में हत्या, पीड़ित परिवार ने क्या कहा?