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केरल में हेपेटाइटिस ए आफत मचा रहा, 12 लोगों की मौत, 4 महीनों में 2 हजार केस

केरल (Kerala) की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Health Minister Veena George) ने उन चार ज़िलों - कोझिकोड, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम के लिए अलर्ट जारी किया है, जहां से सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं.

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Hepatitis A outbreak in Kerala
केरल में हेपेटाइटिस ए का प्रकोप. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)
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15 मई 2024 (Updated: 15 मई 2024, 08:43 IST)
Updated: 15 मई 2024 08:43 IST
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केरल में हाल के सालों में हेपेटाइटिस ए वायरस (Hepatitis A virus) का बुरा प्रकोप देखने को मिला है. आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2024 के शुरुआती साढे़ चार महीनों में 1,977 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही 12 लोगों की मौत भी हुई है. हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) लीवर को प्रभावित करता है. ये दूषित खाने और पानी से या किसी संक्रामक व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस साल हेपेटाइटिस ए वायरस के 5,536 अन्य संदिग्ध मामले सामने आए हैं. वायरस से 15 लोगों की मौत का संदेह है. जिन चार ज़िलों में सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं, उनके लिए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Health Minister Veena George) ने अलर्ट जारी किया है. इन ज़िलों में- कोझिकोड, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि उन ज़िलों में जमीनी स्तर की योजनाओं को मजबूत करने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा,

"सभी प्रभावित क्षेत्रों में जल स्त्रोतों का क्लोरीनीकरण किया जाएगा. रेस्तरां वालों से भी कहा गया है कि वो केवल उबला हुआ पानी ही दें. ये सुनिश्चित करने के लिए रेस्तराओं का निरीक्षण भी किया जाएगा. साथ ही ये भी देखा जाएगा कि सभी कर्मचारियों के पास अनिवार्य स्वास्थ्य कार्ड हैं या नहीं."

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राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक़, इस साल 13 मई तक रिपोर्ट हुए मामलों की संख्या 2017 से 2023 तक किसी भी साल से ज़्यादा हैं. 2023 में ये मामले (1,073), 2022 में (231), 2021 में (114), 2020 में (464), 2019 में (2016), 2018 में (1,369) और 2017 में (988) थे.

रिपोर्ट के मुताबिक़, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एनएम अरुण ने कहा कि हाल के सालों में राज्य में पानी की गुणवत्ता में काफ़ी गिरावट आई है. उनका कहना है कि हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) मुख्य रूप से संक्रमित लोगों के मल से फैलता है. कई जगहों पर लीकेज के चलते साफ पानी की पाइप लाइनें, इस्तेमाल हो चुके गंदे पानी की पाइप लाइनों के संपर्क में आ जाती हैं.

केरल में सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक एर्नाकुलम में वेंगूर पंचायत है. यहां 17 अप्रैल से लगभग 200 लोग HAV से संक्रमित हुए हैं. पंचायत में एक की मौत हो गई है, जबकि 41 लोग अस्पताल में हैं. उनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है.

वीडियो: सेहत: हेपेटाइटिस A B C या D क्या होता है और इससे बचने के लिए क्या करें?

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