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भारत में कोरोना वैक्सीन पहले किसको मिलेगी, हेल्थ सेक्रेटरी ने सिस्टम समझा दिया है

CO-WIN सॉफ्टवेयर में ऐसे लोगों के नाम-पते दर्ज किए जा रहे हैं

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हेल्थ मिनिस्ट्री ने देश में कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर पूरा प्लान तैयार किया है. सभी वैक्सीनेशन सेंटर्स को इसे फॉलो करना जरूरी है.
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अमित
8 दिसंबर 2020 (Updated: 8 दिसंबर 2020, 02:20 PM IST) कॉमेंट्स
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कोरोना वैक्सीन लगाने का काम ब्रिटेन में शुरू होने के बाद अब बाकी देशों की तरह भारत में भी तैयारियां जोरों पर हैं. कोरोना के वैक्सीनेशन और देश में कोरोना के हालात पर जानकारी देने के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री ने मंगलवार 8 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें कई महत्वपूर्ण बातों के साथ ये भी बताया गया कि किस तरह से वैक्सीनेशन के पूरे प्लान को तैयार किया जा रहा है. किन्हें दी जाएगी वैक्सीन की पहली डोज? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि टीकाकरण का काम केवल एक राज्य या केंद्र की जिम्मेदारी नहीं हो सकती, इसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए. उन्होंने बताया,
भारत में कोरोना वायरस का टीका सबसे पहले NEGVAC की प्राथमिकता वाले समूहों को लगाया जाएगा. इसमें स्वास्थ्य सेवा देने वालों, हेल्थ वर्कर्स, राज्य व केंद्रीय पुलिस कर्मियों, सशस्त्र बलों, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा और डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े लोगों, नगरपालिका के मजदूरों के अलावा 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी. हेल्थ वर्कर्स का डेटा जमा करने का काम सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र के मंत्रालयों में शुरू हो चुका है. इस डेटा को CO-WIN नाम के सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा. इसके बाद वेरिफाई किया जाएगा. देश में कुल 2.39 लाख लोग हैं जो वैक्सीन देने का काम कर सकते हैं. इनमें से 1.54 लाख लोगों का इस्तेमाल कोरोना की वैक्सीन देने के लिए किया जाएगा. कोविड 19 वैक्सीनेशन के दौरान रुटीन स्वास्थ्य सेवाओं पर असर नहीं पड़ने दिया जाएगा. 
कोविड-19 के टीके जल्द बनेंगे स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरोना वायरस की वैक्सीन के प्रोडक्शन को लेकर भी जानकारी दी. हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने कहा,
एक बार अपने वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलने के बाद हम बड़े पैमाने पर कोविड-19 के टीकों का उत्पादन शुरू कर देंगे. हमने पूरी तैयारी कर रखी है. वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा भी तैयार की गई है. कम से कम समय में प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए हम काम कर रहे हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन को रोलआउट के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है.
सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज अप्रूवल के लिए आवेदन किया है. पीएम ने सभी वैक्सीन निर्माताओं और वैज्ञानिकों से बातचीत की. फिलहाल भारत में रोजाना किए जा रहे ट्रायल में 6 वैक्सीनों के प्रभावी नतीजे आए हैं. कुछ वैक्सीनों को अगले कुछ हफ्तों में लाइसेंस मिल सकता है. 
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने ये भी बताया कि दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में 15 सितंबर के बाद से नए केसों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. देश में कोरोना वायरस के 4 लाख से कम सक्रिय मामले हैं. ये कुल मामलों की संख्या के 4 फीसदी से भी कम हैं. कुल मामलों में महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के 54 फीसदी मरीज हैं.

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