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हरियाणा की 105 साल की ताई, स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में कई गोल्ड मेडल जीत लट्ठ गाड़ दिया

ताई खाने में दूध, छाछ, दही, घी और खेत की ताजा सब्जियां खाती है.

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106 year old elderly woman runner rambai
इससे पहले रामबाई ने नवंबर 2021 में हुई चैंपियनशिप मैं चार गोल्ड मेडल जीते थे.(फ़ोटो/आजतक)
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मनीषा शर्मा
28 जून 2023 (Updated: 28 जून 2023, 09:13 PM IST) कॉमेंट्स
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Age is just a number. अंग्रेजी की इस कहावत को आपने भी जरूर सुना होगा. हरियाणा की 105 साल की दादी (हरियाणे वाले ताई बोल्लें) रामबाई ने इसका असली मतलब समझा दिया है. उन्होंने बुजुर्गों की 100 और 200 मीटर की प्रतियोगिता में एक के बाद एक कई गोल्ड मेडल जीते हैं. 

उत्तराखंड में 27 जून को 18वीं नैशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप का समापन हुआ. इस चैंपियनशिप में रामबाई ने 100 और 200 मीटर दौड़ में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीते. और तो और रामबाई ने इस चैंपियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले, लंबी कूद में चार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बनाया है. इससे पहले उन्होंने नवंबर 2021 में हुई चैंपियनशिप मैं चार गोल्ड मेडल जीते थे. रामबाई को सब ‘उड़नपरी दादी’ के नाम से भी बुलाते हैं.

आजतक से जुड़े सागर शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक 18वीं नैशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप देहरादून में हुई थी. इस चैंपियनशिप को युवरानी स्पोर्ट्स कमेटी ने आयोजित किया था. मेडल जीतने के बाद रामबाई स्टेज पर गईं और उन्होंने हरियाणवी में कहा- “मैं खुश हूं.” फिर वो स्टेज से नीचे उतर गईं. और अपनी पोती से पैरों की मालिश करने को कहा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रामबाई का जन्म चरखी दादरी के एक छोटे से गांव कदमा में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन का ज्यादातर हिस्सा घर के काम और पारिवारिक खेत में काम करते हुए बिताया. एथलेटिक्स के साथ उनका जुड़ाव साल 2016 में शुरू हुआ था. उस समय कनाडा के वैंकूवर में आयोजित अमेरिका मास्टर्स गेम नाम की खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लिया था. इसमें पंजाब की एक महिला मान कौर ने 100 वर्ष की उम्र में 100 मीटर स्प्रिंट प्रतियोगिता में 1 मिनट 21 सेकंड दौड़कर गोल्ड मेडल जीता था. अगले साल, कौर ने ऑकलैंड में वर्ल्ड मास्टर्स गेम में 1 मिनट और 14 सेकंड में दौड़ खत्म करके अपने पिछले रिकार्ड को बेहतर किया था. 

अखबार के मुताबिक उसी समय रामबाई की पोती शर्मिला सागवान ने उन्हें मान कौर की कहानी सुनाई और कहा कि अगर 100 साल से ज़्यादा उम्र की महिला ऐसा कर सकती है, तो वह क्यों नहीं कर सकतीं. इसके कुछ समय बाद रामबाई ने प्रैक्टिस शुरू की. वो खाने में दूध, छाछ, दही, घी और खेत की ताजा सब्जियां खाने लगीं. अखबार के मुताबिक इसके बाद पिछले साल जून में वडोदरा में ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रामबाई ने 100 मीटर की दौड़ केवल 45.50 सेंकेड में पूरी करके मान कौर के रिकार्ड को तोड़ दिया था.

रामबाई के दौड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी शेयर किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा,

"खेलों में झंडे गाड़ने की बात हो तो फिर हरियाणवियों की उम्र आड़े नहीं आती. फिर चाहे हमारे बच्चे हों, युवा या 100 साल पार के बुज़ुर्ग. 105 वर्ष की आयु में ताई रामबाई जी ने 100 मीटर दौड़ रिकॉर्ड समय में पूरा कर वडोदरा में प्रदेश का झंडा बुलंद कर दिया. ताई के जज्बे को सलाम!"

तीन पीढ़ी उतरती हैं ट्रैक पर

रामबाई के अलावा उनकी बेटी 70 साल की संतरा देवी और उनकी पोती 42 साल की शर्मिला भी वेटरन एथलेटिक्स में भाग लेने आती हैं. दुनिया उस समय हैरान रह जाती है, जब रामबाई के परिवार की तीन पीढ़ी यानी दादी, बेटी और पोती ट्रैक पर एकसाथ उतरती हैं. हर महीने ही ये तीनों किसी ना किसी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कही न कहीं जाती रहती हैं.

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