खुद को "छोटा-सा सिपाही" कहा, फिर बीजेपी में शामिल हो गए हार्दिक पटेल
राजनीतिक पटल पर हार्दिक पटेल का पदार्पण साल 2015 में हुआ था. इस साल उन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ पाटीदार कोटा आंदोलन का नेतृत्व किया था. कहा जाता है कि इस आंदोलन के चलते गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को हटाया गया.

गुजरात (Gujarat) कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Gujarat) ने गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन पटेल की मौजूदगी में आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया. इस कार्यक्रम में गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के दूसरे नेता मौजूद नहीं रहे.
BJP से जुडने के पहले एक ट्वीट में हार्दिक पटेल ने कहा,
"राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाजहित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं. भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में रहे राष्ट्र सेवा के भागीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा."
राजनीतिक पटल पर हार्दिक पटेल का पदार्पण साल 2015 में हुआ था. इस साल उन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ पाटीदार कोटा आंदोलन का नेतृत्व किया था. कहा जाता है कि इस आंदोलन के चलते गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को हटाया गया था.
Hardik Patel के BJP में आने की कहानीशुरुआत में इस आंदोलन की मांग थी कि पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण दिया जाए. बाद में ये मांग आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण में बदल गई. इस आंदोलन के दौरान पाटीदार समुदाय के 14 लोगों की जान गई थी. जिसके बाद 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का समर्थन किया. फिर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए. इस दौरान उन्होंने बीजेपी की खूब आलोचना की.
गुजरात में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में हार्दिक पटेल के बीजेपी में शामिल होने को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बताया जा रहा है. हार्दिक पटेल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को शुरू करने का श्रेय बीजेपी नेतृत्व को देकर उसकी खूब तारीफ कर चुके हैं. बीती 18 मई को हार्दिक पटेल ने गुजरात कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. उन्होंने पार्टी के ऊपर सबसे अधिक जातिवादी और गुजरात विरोधी होने का आरोप लगाया था. कहा था कि कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं को दिल्ली से आए नेताओं के चिकन सैंडविच की चिंता रहती है.
वीडियो: हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने की पूरी कहानी