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फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली, भीख मांगने को मजबूर महिला की प्रशासन ने ऐसे की मदद

कई लोग हंसी की आर्थिक मदद के लिए सामने आए.

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ये हंसी हैं, जिनकी फोटो बीते दिनों खूब वायरल हुई थी. इसके बाद उत्तराखंड प्रशासन की ओर उन्हें मदद दी गई.
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मेघना
20 अक्तूबर 2020 (Updated: 20 अक्तूबर 2020, 05:19 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तराखंड के कुमाऊं विश्वविद्यालय से एमए, राजनीति विज्ञान से डबल एमए करने वाली अल्मोड़ा की हंसी प्रहरी. हरिद्वार में इसी हंसी के भीख मांगने की खबर सामने आई थी. अब खबर है कि सोमवार, 19 अक्टूबर को एसडीएम गोपाल सिंह चौहान हंसी से मिले और उनको मदद दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद उन्हें मदद मुहैया भी करवाई गई है. प्रशासन के साथ ही कई लोग तत्काल हंसी की आर्थिक मदद के लिए सामने आए. क्या है ये पूरी कहानी और हंसी कौन हैं, आइए बताते हैं. हंसी प्रहरी अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक स्थित गांव रणखिला की रहने वाली हैं. पांच भाई-बहनों में वो सबसे छोटी हैं. हंसा की शिक्षा इंटर तक गांव में हुई. इसके बाद वो कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में प्रवेश ले लिया. पढ़ाई के साथ-साथ वो यूनिवर्सिटी की तमाम शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. हंसी की मानें, तो साल 2000 में वो छात्रसंघ चुनाव में उपाध्यक्ष भी चुनी गईं. इसके बाद सेंट्रल लाइब्रेरी में चार साल तक नौकरी की. साल 2008 में हरिद्वार आईं हंसी बताती हैं कि वो अपने ससुराल की कलह से परेशान होकर साल 2008 में लखनऊ से हरिद्वार आ गईं. बहुत कमज़ोर होने की वजह से वो नौकरी नहीं कर पाईं और रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भीख मांगने लगीं. उनके साथ उनका छह साल का लड़का भी है. मीडिया का ध्यान उन पर तब गया, जब वो सड़क किनारे अपने बेटे को पढ़ा रही थीं. साथ ही फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोल रही थीं. मदद के लिए बढ़े हाथ जब मीडिया में हंसी की तस्वीरें मामले सामने आईं, तो एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने कहा कि भेल स्थित समाज कल्याण आवास के महिला आवास में उन्हें कमरा उपलब्ध करवाया जाएगा. इसी के बाद उत्तराखंड की महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने सोशल मीडिया पर तस्वीरे साझा कीं, जिसमें हंसी को मदद की बात कही गई. एक बेटी है, जिसके हाई स्कूल में 97 प्रतिशत अंक हंसी अपनी बच्चों की शिक्षा का पूरा ध्यान रख रही हैं. उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी है, जो नानी के घर पर रहकर पढ़ रही है. बीते साल हाईस्कूल में उसके 97 प्रतिशत अंक आए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें सिर छिपाने के लिए कोई छत मुहैया करवा दे, ताकि वो अपने बेटे को पढ़ा सकें. वो इसके लिए कई बार मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिख चुकी हैं. निर्दलीय लड़ा था विधानसभा चुनाव 'दैनिक जागरण' की रिपोर्ट के मुताबिक, हंसी प्रहरी ने साल 2002 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने सोमेश्वर सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा ने 9146 मत हासिल करके चुनाव जीता था. इसी चुनाव में हंसी को 2650 वोट मिले थे.

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