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कोरोना पर हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को क्या-क्या नहीं कह डाला है

टेस्टिंग से लेकर वेंटिलेटर्स की कमी पर सवाल उठाए. स्वास्थ्य मंत्री को भी नहीं छोड़ा.

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गुजरात हाईकोर्ट (बाएं) ने प्राइवेट लैब्स को टेस्टिंग किट्स देने को कहा. बोला कि पहले भी किट्स की कमी नहीं थी. दायीं तरफ गुजरात के सीएम विजय रूपाणी. फोटो: India Today
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निशांत
24 मई 2020 (Updated: 24 मई 2020, 09:16 AM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तगड़े से हड़काने वाले लहज़े में बात की है. कोर्ट ने कहा है कि कोरोना वायरस की स्थिति को गुजरात सरकार बहुत 'आर्टिफिशियल तरीके से' कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. कोर्ट ने अहमदाबाद के अहम कोविड स्पेशल सरकारी अस्पताल को 'कालकोठरी' बोल दिया. कोर्ट ने कहा है कि ये उतना ही अच्छा है जितनी कालकोठरी या उससे भी बुरा है. यही नहीं, वेंटिलेटर्स से लेकर टेस्टिंग किट्स पर सरकार को सुनाया है. अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक को नहीं छोड़ा.
इंडियन एक्सप्रेस 
की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 377 मौतें कोरोना वायरस की वजह से हुई हैं, जो कि पूरे प्रदेश का 45 फीसदी है. कोर्ट ने COVID-19 से जुड़ी कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान ये बातें कही. जस्टिस जे बी पर्दीवाला और इलेश वोरा की बेंच ने राज्य सरकार को इलाज की सुविधाओं में सुधार के लिए कई निर्देश भी दिए.
'क्या स्वास्थ्य मंत्री को समस्याओं का ज़रा सा भी आइडिया है?'
स्थिति की तुलना 'डूबते टाइटैनिक' जहाज से करते हुए बेंच ने कहा,
ये बहुत तनावपूर्ण और तकलीफदेह है कि सिविल अस्पताल की स्थिति दयनीय है. हमें ये कहते हुए दु:ख हो रहा है कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की हालत खराब है. जैसा कि हमने पहले कहा, सिविल अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए होता है. लेकिन आज की तारीख में लगता है कि ये किसी कालकोठरी जितना अच्छा है. या कालकोठरी से भी बुरा हो सकता है.
हाईकोर्ट ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पंकज कुमार, सेक्रेटरी मिलिंद तोरवणे, हेल्थ एंड फैमिल वेलफेयर प्रिंसिपल सेक्रेटरी जयंती रवि की खिंचाई की और कहा कि स्वास्थ्य मंत्री (नितिन पटेल) और चीफ सेक्रेटरी (अनिल मुकिम) को मरीजों और स्टाफ की समस्याओं का ज़रा सा भी आइडिया है?
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कोरोना की वजह से 377 लोगों की मौत हो चुकी है. फोटो: JustDial
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कोरोना की वजह से 377 लोगों की मौत हो चुकी है. फोटो: JustDial

'पर्याप्त वेंटिलेटर्स की कमी से मरीज मर रहे हैं'
ज़्यादा मृत्यु दर को वेंटिलेटर्स की कमी से जोड़ते हुए कोर्ट ने कहा,
क्या राज्य सरकार को ये कठोर तथ्य पता है कि सिविल अस्पताल में मरीज इसलिए मर रहे हैं क्योंकि पर्याप्त वेंटिलेटर्स की कमी है? राज्य सरकार वेंटिलेटर्स की समस्या से कैसे निपटने वाली है?
'प्राइवेट अस्पतालों के लिए नोटिफिकेशन जारी करें'
कोर्ट ने राज्य सरकार से नोटिफेकेशन जारी करने को कहा है कि अहमदाबाद और बाहरी इलाकों के मल्टीस्पेशलिटी, प्राइवेट और कॉरपोरेट अस्पताल 50 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए अनिवार्य रूप से रिजर्व रखें. बेंच ने सरकार के टेस्टिंग प्रोटोकॉल पर भी लताड़ा. सरकार ने कोर्ट को एक रिपोर्ट में बताया था कि राज्य के पास मुफ्त में पर्याप्त लैब टेस्ट करने की क्षमता है. सरकार ने कहा कि प्राइवेट लैब्स को तब टेस्ट करने दिया जाएगा, जब सरकारी लैब्स की क्षमता खत्म होने लगेगी.
गुजरात सीएम विजय रुपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में धमण-1 वेंटिलेटर का उद्घाटन किया था, जिस पर सवाल उठ रहे हैं.
गुजरात सीएम विजय रुपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में धमण-1 वेंटिलेटर का उद्घाटन किया था, जिस पर सवाल उठ रहे हैं.

'लगता है सरकार डेटा कंट्रोल करना चाहती है'
इस पर कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब्स तुरंत टेस्टिंग किट्स दीजिए ताकि वो सरकारी लैब की दर से ही टेस्ट हो सकें. कोर्ट ने कहा कि लगता है सरकार आर्टिफिशियल तरीके से राज्य में मरीजों की संख्या के डेटा को कंट्रोल करना चाहती है. राज्य में 19 सरकारी लैब RT-PCR टेस्ट कर रही हैं. अब तक 1 लाख 78 हजार के करीब सैंपल की टेस्टिंग हुई है.
'किट्स की कमी नहीं थी'
कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों से कहा कि टेस्टिंग सेंटर के ज़रिए उन पर नज़र रखें, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि नोटिस में आया है कि किट्स की कमी नहीं थी लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा था क्योंकि उन्हें राज्य अधिकारियों से अप्रूवल की ज़रूरत थी. गुजरात में कोरोना के 13,268 मामले सामने आए हैं और 802 लोगों की मौत हुई है.


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