दिल्ली हो या बिहार, अब देशभर में एक जैसा होगा गाड़ियों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट
ये रिजेक्शन स्लिप क्या है, जो ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को दी जाएगी?
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वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियम जारी किए हैं. (सांकेतिक फोटो)
PUC यानी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का पता लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से जारी किए जाते हैं. केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत. अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने PUC सर्टिफिकेट का नया फॉर्मेट जारी किया है. यह देशभर में एक जैसा होगा. इसमें और क्या QR कोड के अलावा और खास होगा, आइए बताते हैं.
# देशभर में अलग-अलग प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं होंगे. एक समान प्रारूप की शुरूआत की जाएगी.
#PUC डेटाबेस को नेशनल रजिस्टर से जोड़ा जाएगा. नेशनल रजिस्टर में दर्ज जानकारियों से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लिंक होगा.
# रिजेक्शन स्लिप (Rejection slip) का सिस्टम पहली बार शुरू होगा. इसमें प्रदूषण लेवल तय मानकों से ज्यादा होने पर गाड़ी मालिक को Rejection slip दी जाएगी. इस स्लिप को लेकर गाड़ी की सर्विसिंग के लिए सर्विस सेंटर जाना होगा. अगर वहां पॉल्यूशन नापने वाली मशीन खराब है तो मालिक दूसरे सेंटर जा सकता है.
#PUC सर्टिफिकेट में गाड़ी मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है. इसी नंबर पर वेरिफिकेशन और फीस के लिए SMS अलर्ट भेजे जाएंगे.
# सर्टिफिकेट पर गाड़ी मालिक का मोबाइल नंबर, नाम, पता, इंजन नंबर, चेसिस नंबर जैसी सूचनाएं गोपनीय रखी जाएंगी. आखिरी चार नंबर ही दिखाई देंगे. पूरा नंबर नहीं दिखेगा.
# PUC सर्टिफिकेट पर QR code भी छपा होगा. इसमें PUC केंद्र के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी.
# वाहन से तय लिमिट से ज्यादा प्रदूषण होने या PUC न होने पर प्रवर्तन अधिकारी कार्रवाई कर सकेगा. ऐसा होने पर अधिकारी लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चालक या वाहन मालिक को वाहन जमा करने का निर्देश दे सकेगा. अधिकृत प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सेंटर में से किसी पर प्रदूषण की जांच के लिए कह सकेगा.
#यदि ड्राइवर या गाड़ी मालिक जांच के लिए वाहन नहीं लाता तो पेनल्टी लगेगी. रजिस्ट्रेशन प्राधिकारी लिखित रूप में कारण दर्ज करने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र (RC) और परमिट को भी निलंबित कर सकेगा. यह निलंबन तब तक रहेगा, जब तक कि PUC नहीं बन जाता.
परमिट की वैधता 30 सितंबर तक बढ़ी
PUC सर्टिफिकेट का नया फॉर्मेट जारी करने के अलावा केंद्र सरकार ने वाहनों से जुड़े जरूरी दस्तावेजों की वैधता बढ़ा दी है. इन दस्तावेजों में ड्राइविंग लाइसेंस, RC यानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र और अन्य सभी प्रकार के परमिट शामिल हैं. इनकी वैधता फरवरी 2020 के बाद खत्म हो गई थी. अब इसे 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार, 17 जून को इस बारे में एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें परिवहन विभागों को निर्देश दिया गया है कि पिछले साल फरवरी से जिन वाहन चालकों के दस्तावेजों की वैधता खत्म हो गई है, उनके खिलाफ आगामी तारीख तक मुकदमा न चलाया जाए.
मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा है कि कोरोना लॉकडाउन की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह सलाह दी जाती है कि ऐसे सभी दस्तावेज, जिनकी वैधता 1 फरवरी 2020 को खत्म हो चुकी है, और लॉकडाउन के कारण आगे बढ़ाई नहीं जा सकी है, उन्हें 30 सितंबर 2021 तक वैध माना जा सकता है. प्रवर्तन अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे दस्तावेजों को 30 सितंबर, 2021 तक वैध मानें. एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश इस सलाह को लागू करें ताकि लोगों को परेशानी ना हो.