कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो क्यों, सरकार ने संसद में वजह बताई है
लेकिन इस सवाल का जवाब फिर भी नहीं दिया.
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वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो पर पूछे गए सवाल का जवाब राज्यसभा में देते हुए केंद्रीय मंत्री ने इसके पीछे की वजह बताई है. (फीटो-पीटीआई)
"वैक्सीन सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री के मैसेज के साथ फोटो होना वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड-19 एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करता है. ये सरकार की नैतिक और नीतिगत जिम्मेदारी है कि वो इस तरह के जरूरी मैसेज लोगों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाए."मंत्री ने बताया कि लोगों को कोविन (Cowin) के जरिए जो वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं, वो स्टैंडर्ड हैं और WHO के नॉर्म्स के हिसाब से हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय से ये भी पूछा गया था कि क्या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की फोटो नहीं लगाई है? इस पर मंत्री ने बताया कि सभी राज्य वैक्सीनेशन के लिए कोविन ऐप का ही इस्तेमाल कर रहे हैं, और एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट में वैक्सीन सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं. बता दें कि वैक्सीन के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री मोदी की फोटो के साथ 'दवाई भी और कड़ाई भी' का मैसेज लिखा रहता है. कई राज्यों और विपक्ष के नेताओं ने सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो लगे होने पर आपत्ति जताई है. इस सवाल का जवाब नहीं मिला कुमार केतकर ने एक सवाल और पूछा था जिसका जवाब अभी सरकार ने नहीं दिया है. केतकर ने पूछा कि क्या इससे पहले देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने पोलिया, खसरा आदि के सर्टिफिकेट पर इस तरह से अपनी फोटो छापने को जरूरी बनाया है? अब इंतजार है कि इस सवाल का जवाब सरकार क्या देती है.