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सीएम नीतीश जिस ग्लास फ्लोर ब्रिज पर खड़े हैं वह किस पुल की तर्ज पर बना है?

पर्यटकों के लिए इसे मार्च 2021 से खोल दिया जाएगा.

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राजगीर के ग्लास ब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार.
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उमा
20 दिसंबर 2020 (Updated: 20 दिसंबर 2020, 09:10 AM IST) कॉमेंट्स
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. शनिवार, 19 दिसंबर को राजगीर पहुंचे. यहां उन्होंने बन रहे नेचर सफारी और जू सफारी का निरीक्षण किया. साथ ही ग्लास ब्रिज का भी जायजा लिया. सीएम ने कहा कि ब्रिज काफी अच्छा बना है. मार्च 2021 तक इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यहां का जू और नेचर सफारी टूरिज्म को बढ़ावा देने में मदद करेगा.

नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि यहां सुरक्षा को लेकर किसी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. पुलिसबलों की भी तैनाती रहेगी. साथ ही ब्रिज की देखरेख के लिए टेक्नीशियन भी हमेशा मौजूद रहेंगे. नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. ग्लास ब्रिज नेचर सफारी का हिस्सा होगा, जिसे बुद्ध मार्ग के 500 एकड़ क्षेत्र में डेवलप किया जा रहा है. चीन के हेवेन्स प्रान्त के एस टेहांग में 120 मीटर ऊंचे बने स्काई वॉक की तर्ज पर इसे बनाया गया है. एक समय में ज्यादा से ज्यादा 40 लोगों को ही ब्रिज पर जाने की परमीशन होगी. हालांकि, पुल के डी सेक्टर यानी सबसे आगे वाले हिस्से में केवल 10-12 लोगों को जाने की ही अनुमति होगी. देश में राजगीर ग्लास ब्रिज दूसरा पुल है. पहला ऋषिकेश में तैयार किया जा रहा है.

9 किलोमीटर लंबे एरिया में बन रहे नेचर सफारी में ग्लास ब्रिज स्काई बाग में निर्मित है. 500 हेक्टेयर में एक कैफेटेरिया का भी निर्माण हो रहा है. सफारी में रोपवे के सहारे लोग साइकलिंग का लुफ्त उठा सकते हैं. साथ ही यहां तितली पार्क बनाया गया है. तितलियों को आकर्षित करने वाले 15 विशेष पेड़-पौधे यहां लगाये गए हैं. और 70 से ज्यादा औषधीय पौधे लगाए गए हैं.

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