कांग्रेस की मैराथन रैली में भगदड़ हुई तो पार्टी नेता ने कहा, 'वैष्णो देवी में भी तो हुई थी!'
"गैर कांग्रेसी दल हमें बिना वजह बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं"
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यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी ने 4 जनवरी 2022 को बरेली में महिला मैराथन का आयोजन किया. इस मैराथन के वीडियो वायरल हैं. भीड़ ज्यादा थी. भगदड़ मच गई. कई लड़कियां इसी घटनाक्रम में घायल भी हो गईं. महिला मैराथन में हुई इस अव्यवस्था को लेकर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी और अन्य आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. बरेली के सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय की ओर से यह FIR महामारी फैलाने, जानबूझकर अपराध करने, लोकसेवक का आदेश न मानने और महामारी अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज कराई गई है.
मामला क्या है?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, मंगलवार को बरेली के बिशप मंडल इंटर कॉलेज के गेट से मैराथन शुरू होनी थी. कांग्रेस के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' नामक कैम्पेन के बैनर तले. सुबह-सुबह लड़कियों को यहां इकट्ठा किया गया. मैराथन को हरी झंडी दिखाए जाने से पहले ही कुछ लडकियां दौड़ने लगीं. एक वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग लड़कियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लडकियां दौड़ने लगती हैं. इससे मैराथन में अफरा-तफरी मच जाती है और इस दौरान कुछ लडकियां सड़क पर गिर जाती हैं. कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता तुरंत इन लड़कियों को उठाने पहुंचते हैं.
कांग्रेस नेता का अजीबो-गरीब बयान सुप्रिया ऐरन बरेली में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं. शहर की मेयर रह चुकी हैं. और आगामी विधानसभा चुनाव में बरेली से संभावित प्रत्याशी भी हैं. उन्होंने मैराथन में भगदड़ की घटना को 1 जनवरी 2022 को वैष्णो देवी में हुई भगदड़ से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जब वैष्णों देवी में भगदड़ मच सकती है, तो ये तो बच्चियां हैं. सुप्रिया ऐरन ने मीडिया से बातचीत में कहा,Crazy scenes in UP’s Bareilly during this marathon for girls organised by a local @INCUttarPradesh leader. No regard for covid norms , an almost stampede that thankfully did not lead to injuries. This is exactly what one does not want to see, from any political party ! pic.twitter.com/V0o4xD18Bn
— Alok Pandey (@alok_pandey) January 4, 2022
"तीर्थ यात्रा के लिए लोग वैष्णो देवी गए थे, वहां क्या हुआ, उसे आप क्या कहेंगे, ये इंसानी फितरत होती है कि हम दूसरे से आगे बढ़ जाएं, यहां तो ये छोटी बच्चियां हैं, अभी स्कूल में पढ़ ही रही हैं तो थोड़ी बहुत भागदौड़ हो गई..."वहीं, इस घटना में नामज़द बरेली कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने घटना को विपक्षियों की साजिश करार दिया. सकलैनी ने कहा,
"भाजपा सहित सभी गैर कांग्रेसी दल हमें बिना वजह बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. कार्यक्रम में कोई अव्यवस्था नहीं हुई, छात्राओं की भीड़ देखकर विरोधी चिंतित और घबराये हुए हैं. कुछ बच्चियां अधिक भीड़ होने के कारण गिर गईं, जिन्हें जिला अस्पताल में उपचार के बाद घर भेज दिया गया, वे अब फिट हैं."क़ानूनी कार्रवाई क्या हुई? कांग्रेस नेताओं के खिलाफ़ FIR दर्ज करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय की ओर से कहा गया है कि मैराथन की अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, लेकिन मैराथन के दौरान नियम और शर्तों का पालन बिल्कुल भी नहीं किया गया. उन्होंने ये भी कहा है कि सिर्फ़ 200 बच्चों की अनुमति दी गई थी, लेकिन कार्यक्रम में असल में ज़्यादा लोग पहुंचे. बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया है कि इस घटना में तीन बच्चियां घायल हो गई थीं. साथ ही National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए बरेली के ज़िलाधिकारी को ख़त लिखा है. और दरखास्त की है कि इस मामले में जो भी कार्रवाई की जा रही है, कमीशन को उससे 24 घंटे के भीतर अवगत कराया जाए. साथ ही 7 दिनों के भीतर फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग रिपोर्ट भी दाखिल की जाए.