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12 मंजिल सीढ़ियां चढ़ मुझसे पद्मभूषण मांगने पहुंचीं आशा: गडकरी

गुजरे जमाने की टॉप हिरोइन रह चुकी हैं आशा पारेख. उनके बारे में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने दिया ये बवाली बयान.

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आशुतोष चचा
3 जनवरी 2016 (Updated: 3 जनवरी 2016, 06:52 AM IST) कॉमेंट्स
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हमारे बाप दादा के जमाने की मशहूर हिरोइन हैं आशा पारेख. 'मैं तुलसी तेरे आंगन की', 'दो बदन' और 'कटी पतंग' वाली. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वो पद्मभूषण अवार्ड मांगने आई थीं उनके घऱ. वो भी 12 मंजिल सीढ़ियां चढ़कर. काहे कि उनकी बिल्डिंग की लिफ्ट खराब थी. गडकरी बोल रहे थे शनिवार को नागपुर में. वहां सेवा सदन संस्था के रमाबाई रानाडे पुरस्कार समारोह में वह चीफ गेस्ट थे. वहीं बताने लगे कि अवार्ड पाने के लिए लोग पीछे पड़ जाते हैं. बताया कि आशा ने मुझसे कहा था- पद्मश्री मुझे पहले ही मिल चुका है. अब मुझे पद्मभूषण भी मिलना चाहिए. पुरस्कारों की वजह से सिर में दर्द होने लगा है. गडकरी ने ये बयान मराठी में दिया. 1952 में आसमान फिल्म से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ऐक्टिंग शुरू करने वाली आशा को 1992 में पद्मश्री मिल चुका है और 2002 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड.

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