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अब घर बैठे आप करवा सकेंगे कॉन्डम की फ्री होम डिलीवरी

कॉन्डम भी मुफ्त में मिलेगा. यानी बिना एक भी पैसा दिए करिए सेफ सेक्स.

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फोटो - thelallantop
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प्रज्ञा
27 अप्रैल 2017 (Updated: 27 अप्रैल 2017, 05:52 AM IST) कॉमेंट्स
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एड्स हेल्थ केयर फाउंडेशन (AHF)ने फ्री में कॉन्डम बांटने के लिए सर्विस शुरू की है. 'लव कॉन्डम'.
AHF के मुताबिक,
यह अपनी तरह का पहला स्टोर है. कोई भी फोन या ईमेल कर अपना ऑर्डर प्लेस कर सकता है. हम लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वो कम से कम एक डिब्बे का ऑर्डर दें. एक डिब्बे में 144 कॉन्डम होंगे. देश के सभी बड़े शहरों में स्टोर वाले कॉन्डम आपके घर तक डिलीवरी करने जाएंगे.
condom
'लव कॉन्डम' नाम फ्री होम कॉन्डम डिलीवरी कल लॉन्च की गई.

एचआईवी/एड्स प्रभावित लोगों के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, भारत में 21 लाख लोग एड्स से पीड़ित हैं. नेशनल एड़्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के आंकड़े बताते हैं कि इन 21 लाख एड्स पीड़ितों में से केवल 12 लाख ही रजिस्टर्ड हैं.
जिन लोगों ने रजिस्टर नहीं कराया है वो आमतौर पर हाई रिस्क ग्रुप के होते हैं. हाई रिस्क ग्रुप में मेल्स हैविंग सेक्स विद मेल्स (MSM, इंट्रावीनस ड्रग यूजर्स (IDU), सेक्सवर्कर, ट्रांसजेंडर्स आते हैं. इंट्रावीनस ड्रग यूजर्स (IDU)वो होते हैं जो इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं. AHF इन्हीं लोगों के लिए काम करती है.
वैसे तो दुकानों पर कॉन्डम काफी सस्ते दामों में मिल जाते हैं लेकिन कई सारे सेक्स वर्कर, ट्रांसजेंडर कॉन्डम खरीदने से हिचकिचाते हैं. इसके पीछे बदनामी हो जाने का सोशल डर एक अहम वजह है.
free condom
एचआईवी/ एड्स से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल सबसे कारगर है.

AHF की ऑफिशियल टेरी फोर्ड ने बताया कि एचआईवी से बचे रहने के लिए कॉन्डम सबसे सस्ता और सबसे अच्छा तरीका है. भारत में कॉन्डम की फंडिंग अच्छी नहीं है. इसलिए हमें लगा कि फ्री कॉन्डम बांटने के लिए स्टोर खोला जाना चाहिए.
सरकार का एड्स को काबू करने के लिए चलाया हुआ प्रोग्राम काफी कारगर रहा था. लेकिन 2014 में सरकार ने इस प्रोग्राम के लिए फंडिंग कम कर दी थी. जिसकी वजह से देश भर के स्टोर में कॉन्डम की कमी चल रही है.
डीएनपी प्लस के पुराने मेंबर सुजैन के मुताबिक, सरकार ने 1999 में सरकार ने डेल्ही ड्रॉपिंग ऑफ पॉजिटिव पीपल (DNP+)जैसे कई सेंटर बनाए थे. वहां सरकार मुफ्त कॉन्डम की सप्लाई करती थी. लेकिन ये भी 2004 में बंद हो गया.
सरकार ने रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर वेंडिंग मशीन भी लगवाई थीं. जिससे बहुत ही सस्ते दामों में कॉन्डम मिलता था. लेकिन बाद में वो भी हटा लिए गए.
रिप्रजेंटेटिव फोटो, कॉन्डम वेंडिंग मशीन
रिप्रजेंटेटिव फोटो, कॉन्डम वेंडिंग मशीन

हालांकि पिछले महीने संसद ने एचआईवी/ एड्स (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) बिल पास किया था. ये बिल पिछले 15 सालों से अटका पड़ा था. इस बिल में एड्स से लड़ रहे लोगों के अधिकारों को बचाकर रखने के लिए प्रावधान बनाए गए हैं.
टेरी इस पर रिएक्ट करते हुए बोलती हैं कि
सोचो जरा, एक बिल 15 सालों से अटका ही पड़ा था. हम दुनिया भर में काम करते हैं लेकिन भारत सरकार जैसा रवैया कहीं नहीं दिखा. भारत वर्ल्ड इकोनॉमी में ग्लोबल प्लेयर बनना चाहता है. लेकिन जब तक यहां के लोगों के बेसिक हेल्थ केयर पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तब ऐसा नहीं हो पाएगा. एड्स झेल रहे लोगों के लिए सरकार दोपहर में क्लीनिक चलाती है. अब बताइए भाला वो दोपहर में अपना काम-धंधा छोड़कर कैसे आ पाएंगे.


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