नॉर्थ-ईस्ट के सबसे बड़े नेताओं में शुमार तरुण गोगोई का निधन
पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने शोक जताया.

तरुण गोगोई जी एक लोकप्रिय नेता और वेट्रन एडमिनिस्ट्रेटर थे, जिन्हें असम के साथ-साथ केंद्र का भी राजनीतिक अनुभव था. उनके निधन से दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. ओम शांति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा,Shri Tarun Gogoi Ji was a popular leader and a veteran administrator, who had years of political experience in Assam as well as the Centre. Anguished by his passing away. My thoughts are with his family and supporters in this hour of sadness. Om Shanti. pic.twitter.com/H6F6RGYyT4
— Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2020
तरुण गोगोई एक सच्चे कांग्रेसी नेता थे. उन्होंने अपना जीवन असम के सभी लोगों और समुदायों को एक साथ लाने के लिए समर्पित कर दिया. मेरे लिए वह एक महान और बुद्धिमान शिक्षक थे. मैं उन्हें मिस करूंगा. गौरव (तरुण गोगोई के बेटे) और परिवार के प्रति संवेदना.
कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से तरुण गोगोई के बारे में ट्वीट किया गया,Shri Tarun Gogoi was a true Congress leader. He devoted his life to bringing all the people and communities of Assam together.
For me, he was a great and wise teacher. I loved and respected him deeply. I will miss him. My love and condolences to Gaurav & the family. pic.twitter.com/jTMfSyAJ6J — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 23, 2020
एक अविश्वसनीय नेता. कांग्रेस के दिग्गज और असम के तीन बार के सीएम, तरुण गोगोई का अपने लोगों और राज्य के विकास और एकता के प्रति समर्पण ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है. हम इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं.
तरुण गोगोई का जन्म 1 अप्रैल 1936 को असम के जोरहाट जिले में हुआ था. तरुण गोगोई की शुरुआती पढ़ाई रंगाजन निम्न बुनियादी विश्व विद्यालय से हुई थी. इसके बाद उन्होंने कक्षा चौथी तक जोरहाट मदरसा स्कूल से पढ़ाई की. साल 1949 में वह जोरहाट सरकारी हाई स्कूल चले गए, जहां से उन्होंने 10वीं पास की. उन्होंने जोरहाट जिले के ही जगन्नाथ बरूआ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की. तरुण गोगोई पहली बार 1968 में जोरहाट के म्युनिसिपल बोर्ड के सदस्य चुने गए. गोगोई 6 बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रह चुके हैं. साल 1971 से 85 तक वह जोरहाट लोकसभा सीट से जीते. इसके बाद 1991 से 1996 और 1998-2002 तक उन्होंने कलियाबोर सीट का प्रतिनिधित्व किया. फिलहाल इस सीट से उनके बेटे गौरव गोगोई सांसद हैं. 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई में वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के जॉइंट सेक्रेटरी चुने गए. साल 1985 से 1990 तक वह पार्टी के जनरल सेक्रेटरी रहे. पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गोगोई ने कैबिनेट में (1991-96) खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री का कार्यभार संभाला. तरुण गोगोई 1991 से 1993 के बीच खाद्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे. 1993 से 1995 तक, उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्य किया. वह 1986 से 90 तक असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे. इसके बाद 1996 में वह दोबारा इस पद के लिए चुने गए. गोगोई पांच बार विधायक भी रहे. उन्होंने सबसे पहले मार्गेरिटा विधानसभा क्षेत्र से (1996-98) जीत हासिल की. इसके बाद 2001 से वह तिताबर विधानसभा सीट से चुने जाते रहे. साल 2001 में हुए विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने जीत हासिल की, तो तरुण गोगोई को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद रिकॉर्ड तीन बार वह लगातार सीएम चुने गए.An incredible leader, a Congress stalwart & three-time CM of Assam, Shri Tarun Gogoi's dedication towards the development & unity of his people and his State has inspired many generations of Indians.
We pay our heartfelt condolences to his family at this time of grief. pic.twitter.com/bfRFvRDTsJ — Congress (@INCIndia) November 23, 2020