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पाकिस्तान में भयानक बाढ़ आई है, 1033 लोगों की मौत, ये तस्वीरें आपको डराकर रख देंगी!

3.3 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, सरकार ने 10 अरब रुपये छोड़े

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Flood in Pakistan
तस्वीरें ट्विटर से साभार हैं.
29 अगस्त 2022 (Updated: 29 अगस्त 2022, 09:02 IST)
Updated: 29 अगस्त 2022 09:02 IST
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पाकिस्तान में बाढ़ (Flood in Pakistan) से मरने वालों की संख्या एक हजार के पार चली गई है. जून महीने से शुरू हुई ये तबाही अब तक पाकिस्तान की 15 फीसदी आबादी को अपनी चपेट में ले चुकी है. बीते 24 घंटों में यहां बाढ़ के चलते 119 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक इससे मृतकों का आंकड़ा 1033 तक पहुंच गया है. खैबर पख्तूनवा के हिस्से में हालात सबसे ज्यादा संकटग्रस्त हैं. बलूचिस्तान में स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने और इनमें बाढ़ पीड़ितों को ठहराने का आदेश दिया गया है.

अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अन्य देशों ने उनकी अपील के बाद मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, लेकिन इस संकट से लड़ने के लिए पाकिस्तान को और आर्थिक मदद की जरूरत है.

Pakistan's Flood Updates

पाकिस्तान का खैबर पख्तूनवा प्रांत बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. स्थानीय अखबार दी डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ की वजह से इलाके का संपर्क पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से कट गया है. इसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत आ रही है. अधिकारियों ने बताया कि रविवार 28 अगस्त को खैबर पख्तूनवा की कोहिस्तान तहसील से संपर्क पूरी तरह कटा रहा. इस दौरान प्रांत के नौशेरा और चरसद्दा इलाकों से करीब साढ़े तीन लाख लोगों को निकाला गया.

भारी बारिश के चलते आई बाढ़ के कारण सिंधु, काबुल समेत पाकिस्तान की कई छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है. दी डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल नदी इस कदर हिलोरे मार रही है कि यहां रातोंरात एक बड़ा पुल ही पानी के साथ बह गया. इससे सड़क के जरिये कुछ जिलों तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो गया है.

अपर कोहिस्तान के चेयरमैन अनवर उल हक ने अखबार को बताया है कि इलाके के मोबाइल फोन सिग्नल भी काम नहीं कर रहे हैं. लोग खतरा उठाते हुए पैदल चलकर ही इलाके से निकलने को मजबूर हैं. अनवर ने बताया कि तहसील के करीब दो हजार घर बाढ़ में बह गए हैं. इलाके में बड़ी मात्रा में दवाइयों और खाने की चीजों की जरूरत है, क्योंकि इलाके में डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं.

वहीं लोअर कोहिस्तान के असिस्टेंट कमिश्नर साकिब खान ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली की सप्लाई नहीं है और कम्युनिकेशन सिस्टम बर्बाद हो चुका है. इसलिए बचाव कार्य के लिए पाकिस्तानी सेना से अपील की गई है कि वो इन इलाकों में अपने हेलिकॉप्टर्स की मदद से लोगों को निकाले. इसके बाद पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर्स बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के काम में लग गए हैं.

पाकिस्तान की एक सरकारी एजेंसी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के मुताबिक अन्य इलाकों में भी बचाव कार्य जारी है. स्वात के ख्वाजाखेला इलाके से 110 लोगों को निकाला गया है. कायल घाटी में 11 लोगों की जान बचाई गई है. इसी तरह बचाव कार्य के तहत अलग-अलग इलाकों से 246 लोगों को निकाला गया है. बताया गया है कि मौसम में थोड़ा सुधार होने पर कुमरत और अन्य पहाड़ी इलाकों के सबसे ऊपरी हिस्सों में फंसे लोगों को भी निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेजा जाएगा.

पंजाब में पाकिस्तानी आर्मी हवाई राहत और बचाव अभियान में लगी हुई है. यहां राजनपुर में बाढ़ पीड़ितों को खाने का सामान और टेंट मुहैया कराए गए हैं. उधर, पहले से बाढ़ में डूबे सिंध प्रांत के हालात में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. सिंधु नदी की कई सहायक नदियों का पानी उनके किनारों से बाहर निकल चुका है. अधिकारियों ने कहा है कि लाखों लोग पहले से ही बाढ़ से पीड़ित हैं और अब जल्दी ही और पानी सिंध प्रांत की तरफ आने का खतरा है. इलाके में राहत कार्य में लगे एक कर्मी अजीज ने बताया कि यहां दो किलोमीटर तक राहत कैंप के तहत टेंट लगे हुए हैं जो लोगों से भरे पड़े हैं. अभी भी पीड़ितों का आना जारी है.

उधर, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद बाढ़ के सबसे बुरे कहर से अभी तक बची हुई है, लेकिन इस संकट का असर शहर की सप्लाई पर पड़ा है. फल-सब्जियों की यहां किल्लत पैदा हो गई है. हालांकि UAE से राहत सामग्री सोमवार शाम तक पहुंचने की उम्मीद है. बताया गया है कि अगले कुछ दिनों में UAE से 15 और प्लेन राहत का सामान लेकर पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में पहुंचेंगे. तुर्की से भी दो एयरक्राफ्ट कराची आने वाले हैं.

ISPR ने बताया है कि बीते 24 घंटों के दौरान साढ़े 14 टन से ज्यादा राशन और राहत का सामान बाढ़ प्रभावित इलाकों में बांटा गया है. इनमें खाने के पैकेट और रहने के लिए टेंट शामिल हैं. वहीं मेडिकल कैंपों में 29 हजार से ज्यादा लोगों का इलाज किया जा रहा है.

हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि राहत का सामान उन तक नहीं पहुंच रहा है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में बाढ़ नई बात नहीं है, लेकिन इस बार जैसी त्रासदी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी. पीड़ितों की मानें तो मिट्टी के बने हजारों घर बाढ़ में बह चुके हैं. पानी में फंसे रहने के कारण लोगों में बीमारियां फैलने लगी हैं. इनमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ बच्चों ने बताया कि उन्होंने बीते एक-दो दिनों से कुछ भी नहीं खाया है.

Pakistan सरकार क्या कर रही है?

हालात के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार ने खैबर पख्तूनवा प्रांत के लिए 10 अरब रुपये की राहत देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बताया कि अधिकारी उन लोगों को आर्थिक मदद देने की योजना तैयार करेंगे जिनकी फसलें इस बाढ़ में बर्बाद हो गईं. शरीफ ने कहा कि इसी रकम से बाढ़ से टूटे मकानों और सड़कों को फिर से बनाने का काम किया जाएगा. इसके अलावा हरेक बाढ़ पीड़ित परिवार को 25 हजार रुपये बतौर मुआवजा देने का ऐलान किया गया है. बलूचिस्तान में की प्रेंस कॉन्फ्रेंस में पीएम शाहबाज शरीफ ने ये भी बताया कि मदद के लिए तुर्की से भी हेलिकॉप्टर्स मंगाए गए हैं जो वहां से निकल चुके हैं और कभी भी कराची पहुंच सकते हैं.

खबरों के मुताबिक इस बाढ़ ने पाकिस्तान के 3.3 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है, जो यहां की आबादी का 15 पर्सेंट है. कहा जा रहा है कि अभी तक जो भी जानकारी सामने आई है, उससे बाढ़ से हुए नुकसान का सही अनुमान लगाना मुश्किल है. जानकार क्लाइमेट चेंज को इस तबाही की बड़ी वजह बता रहे हैं. हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लोगों के बाढ़ के खतरे वाले इलाकों में घर बना लेने के चलते ये संकट इतना बड़ा हो गया है.

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