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भारत में क्या विदेश से पैसा नहीं आ रहा, 10 साल में पहली बार FDI कितना गिरा?

पिछले वित्तीय वर्ष से 2023 में 16 फीसदी की गिरावट आई.

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FDI
वित्त वर्ष 2023 में 5.87 लाख करोड़ रुपये FDI देश में आया. (Aaj Tak)
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सौरभ
25 मई 2023 (Updated: 25 मई 2023, 03:09 PM IST)
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पिछले एक साल में देश में विदेशी निवेश (FDI) घटा है. मार्च 2023 में खत्म हुए वित्त वर्ष का डाटा सकारात्मक नहीं है. वित्त वर्ष 2022 से 2023 में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2023 में 71 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया. भारतीय करेंसी में ये 5 लाख 87 हजार करोड़ रुपये बनते हैं. पिछले एक दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब विदेशी निवेश में कमी आई है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक  वित्त वर्ष 2022 में 84.83 बिलियन डॉलर यानी 6 लाख 95 हजार करोड़ रुपये FDI के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था में आए. लेकिन इस साल ये FDI में 16 फीसदी की गिरवाट देखने को मिली है.

बाज़ार के विशेषज्ञों के मुताबिक FDI में गिरावट का मुख्य कारण सर्विस सेक्टर और IT सेक्टर में निवेश में गिरावट रहा है. साथ ही ऑटो सेक्टर, कन्सट्रक्शन और अन्य सेवाओं में भी निवेश कम हुआ है. जबकि ट्रेडिंग, फार्मा, एनर्जी और केमिकल सेक्टर में FDI बढ़ा है. 

क्या होता है FDI? 

FDI यानी फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट. सरल हिंदी में विदेशी निवेश. जो विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करती हैं, यानी अपनी कंपनी खोलती हैं या फिर भारत की कंपनी में इन्वेस्ट करती हैं वो FDI होता है. और फॉरेक्स में FDI का ही बड़ा हिस्सा होता है. इकॉनमिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले साल 60 प्रतिशत से ज्यादा फॉरेक्स FDI के माध्यम से आता है. 

फॉरेक्स क्या होता है?

बात अगर फॉरेक्स की करें तो फॉरेक्स रिज़र्व चार चीज़ों को मिलाकर बनता है. सबसे पहला और मेन होता है फॉरेन करेंसी असेट्स. दूसरा गोल्ड रिजर्व. और SDR यानी स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स और चौथा रिज़र्व पोज़िशन. 

फॉरेन करेंसी असेट्स को. इसमें आता दूसरे देशों से आने वाला पैसा. अमेरिका से डॉलर में आता है, यूके से पाउंड में आता है. यूरोपीय देशों से यूरो में आता है. रूबल, दिरहम, दिनार और जो अलग अलग देशों की करेंसी है, सब भारत में आती है. इनको इकट्ठा कर लिया जाता है तो पता चलता है कि फॉरेंस करेंसी है कितनी. ये सब होता है कैश में. 

गोल्ड रिजर्व. यानी जो सोना हमारे देश में रिज़र्व के तौर पर रखा गया है वो भी फॉरेक्स रिज़र्व में आता है. सोना तो साफ-साफ दिखता है. जितना जमा है उतना देश का गोल्ड रिज़र्व. लेकिन डॉलर कहां से आते हैं. जो हमारा FCA यानी फॉरेन करेंसी असेट्स बनाते हैं. तो जितना विदेशी पास है हमारे पास उतना ज्यादा फॉरेक्स होता. ये विदेशी पैसा आता है विदेशी इन्वेस्टमेंट से. जिसे FDI कहा जाता है.

 

वीडियो: बजट 2021: बीमा सेक्टर में FDI बढ़ाने से क्या हासिल होगा?

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